Thursday, August 11, 2011

हरियाणा पुलिस से हटाए गए 1600 सिपाहियों को नौकरी !

हरियाणा सरकार ने जेल वार्डर पद के लिए बदले नियम
राज्य में जेल वार्डर के 1200 पद खाली
भरती के लिए उम्र सीमा में किया बदलाव 
         नौ साल से दर-दर भटक रहे हरियाणा पुलिस से निकाले गए 1600 सिपाहियों के घर फिर चूल्हा जलने की उम्मीद बंध गई है। हरियाणा सरकार ने इन सिपाहियों को नौकरी देने की तैयारी कर ली है। इन सिपाहियों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दी थी।
         सात साल से नौकरी पर बहाली की मांग कर रहे इन सिपाहियों को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जेल वार्डर के पद पर एडजस्ट करने की मंजूरी गृह विभाग की फाइल पर दे दी थी, लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव ने विधि परामर्शी और एडवोकेट जनरल की विपरीत राय के कारण इसे नामंजूर कर दिया था। अब मुख्यमंत्री ने इन सिपाहियों को नौकरी पर रखने के लिए नियमों में ही परिवर्तन कर दिया है। मुख्यमंत्री ने नियमों में परिवर्तन भी खुद कैबिनेट की पिछली बैठक में करवाया था। राज्य में इस समय जेल वार्डर के करीब 1200 पद रिक्त हैं और हटाए गए 1600 सिपाहियों में लगभग 1200 ही भरती के योग्य हैं।
       अब तक जेल वार्डर पद पर भरती के लिए उम्र 18 से 30 साल थी और पैरामिलिट्री या राज्य पुलिस में नौकरी कर चुके कर्मियों को उम्र में पांच साल की छूट दी जाती थी। अब मुख्यमंत्री ने नियमों में जो बदलाव किया है, उसके अनुसार उम्र सीमा 25 से 45 साल कर दी गई है।
भरती के लिए सिर्फ वही आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने हरियाणा पुलिस में कम से कम 5 साल की नौकरी की हो। पहले इस पद के लिए बिना पुलिस की नौकरी किए भी आवेदन किया जा सकता था। यह भरती भी हरियाणा स्टाफ चयन आयोग के बजाय एक भरती बोर्ड के माध्यम से की जाएगी
-News in A.Ujala (12Aug.2011)

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