● 27जुलाई को मंत्रिमंडल की बैठक में रखी जाएगी पालिसी
● 10 अप्रैल 2006 को जिस कर्मचारी को 10 साल हो गए थे, वे ही पक्के होंगे
● चौटाला सरकार की नीति में रह गए कच्चे मुलाजिमों को नहीं मिलेगा लाभ
हरियाणा सरकार की चिरप्रतीक्षित रेगुलराइजेशन पालिसी को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को मंजूरी दे दी। अब यह मंत्रिमंडल की 27 जुलाई को होने वाली बैठक में रखी जाएगी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद पालिसी जारी कर दी जाएगी।
यह पालिसी गत एक वर्ष से बनाई जा रही है, लेकिन अंतिम मोहर सोमवार (25 जुलाई) को लगी। मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी ने पिछले सप्ताह यह पालिसी सीएम के पास भेजी थी। इनेलो की सरकार के कार्यकाल में भी एक पालिसी बनाई गई थी, जिसमें तीन साल की सेवा पूरी कर चुके कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया गया था। करीब चार सौ कच्चे कर्मचारी ऐसे रह गए थे, जो उस समय की पालिसी के तहत पक्के नहीं हो पाए थे। उसके बाद 2006 में सुप्रीम कोर्ट का उमा देवी का फैसला आ गया, जिससे हरियाणा सरकार ने पुरानी पालिसी वापस ले ली थी। उसके बाद आज तक कोई भी कच्चा कर्मचारी पक्का नहीं हुआ क्योंकि कोई भी रेगुलराइजेशन पालिसी नहीं थी।
मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी नई पालिसी में चाहती थीं कि 2003 की पालिसी में जो कर्मचारी पक्के होने से रह गए थे, उन्हें भी उसी पालिसी के तहत पक्का कर दिया जाए, लेकिन विधि परामर्शी, एडवोकेट जनरल और वित्त विभाग ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसलिए नई पालिसी के तहत ही कच्चे कर्मचारी पक्के किए जाएंगे। उमा देवी के संदर्भ में दिए फैसले को आधार मानकर नई पालिसी बनाई गई है। यानी 10 अप्रैल 2006 को जिस कच्चे कर्मचारी को 10 साल हो गए थे, वे ही पक्के होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि 10 अप्रैल 2006 तक जिन कच्चे कर्मचारियों की सर्विस दस साल की हो गई है, उन्हें रेगुलर किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद कोई भी बैकडोर एंट्री नहीं होगी।
राज्य सरकार रेगुलर पोस्ट पर रेगुलर भरती करेगी। इस फैसले के बाद हरियाणा सरकार यह रेगुलराइजेशन पालिसी ला रही है। इस पालिसी के तहत एडहॉक, कांट्रेक्ट, वर्कचार्ज, डेलीवेजेज और पार्ट टाइम पर लगे करीब तीन हजार कर्मचारियों को पक्की नौकरी का तोहफा मिलेगा। संयुक्त सचिव सामान्य प्रशासन एमएल कौशिक ने पुष्टि की कि मुख्यमंत्री से पालिसी को मंजूरी मिल गई है और कैबिनेट बैठक में रखी जाएगी।
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