Thursday, April 25, 2013

1055 बर्खास्त हरियाणा पुलिस सिपाहियों को नियुक्ति पत्र

वर्ष 2001 में बर्खास्त किए गए 1600 पुलिस कांस्टेबलों में से 1055 को राज्य की जेलों में तैनात किया जाएगा। इनमें 56 महिलाएं भी शामिल हैं। नौकरी से हटाए जाने के 12 साल बाद इन कर्मचारियों को राहत मिली है। 25 अप्रैल को अंबाला सेंट्रल जेल से इन मुलाजिमों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भजनलाल के शासनकाल में 1600 सिपाहियों को भर्ती किया गया था। बाद में चौटाला सरकार ने भर्ती में नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए इन मुलाजिमों को बर्खास्त कर दिया। उस समय तक पुलिसकर्मी करीब छह साल की नौकरी पूरी कर चुके थे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया लेकिन इनको नौकरी नहीं मिली। बाद में राज्य सरकार ने इन मुलाजिमों को नए सिरे से भर्ती करने का रास्ता निकालकर राहत दे दी। सरकार ने विशेष आदेश जारी कर इन पुलिसकर्मियों के लिए भर्ती की उम्र 40 से बढ़ाकर 45 साल कर दी थी। इसके अलावा जेल वार्डर की भर्ती के नियमों में भी बदलाव किया गया। मंत्रिमंडल से नियमों के बदलाव को मंजूरी दी गई। पहले जेल वार्डर के लिए दसवीं पास को आवेदन के योग्य माना जाता था। अब जो बदलाव किया गया है, उसके अनुसार जेल वार्डर के पद के लिए वह भी योग्य होगा, जिसने हरियाणा पुलिस में कम से कम पांच साल सेवा की हो। इस शर्त को 1600 बर्खास्त सिपाही ही पूरा करते हैं। इनमें से 1055 बर्खास्त कर्मियों को नौकरी देने से प्रदेश की जेलों में स्टाफ की कमी भी पूरी हो जाएगी। अंबाला सेंट्रल जेल प्रदेश का मुख्यालय होने के कारण जेल अधीक्षक रतन सिंह को इन मुलाजिमों के नियुक्ति पत्र सौंपने की जिम्मेदारी दी गई है। जेल अधीक्षक रतन सिंह ने किस मुलाजिम को किस जेल में नियुक्त करना है इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। बृहस्पतिवार को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद इन मुलाजिमों को पंद्रह दिनों की ट्रेनिंग पर भेजा जाएगा।

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