आइएएस संजीव कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा था
कि जिस तरह का घोटाला जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में हुआ है, ठीक उसी तरह का
घोटाला सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के तहत शिक्षकों के मामलों में भी किया
गया था। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच तो हो ही चुकी है, मगर
सेकेंडरी शिक्षकों की भर्ती की कोई जांच नहीं हुई। यह टिप्पणी करते हुए
रोहिणी कोर्ट के विशेष सीबीआइ जज विनोद कुमार ने सीबीआइ को निर्देश दिया है
कि वह इस मामले में आगे फिर से जांच करे। अदालत ने उन डिप्टी कमिश्नर
(डीसी) व एसडीएम पर भी सवाल उठाया है जिन्होंने इस मामले में जिला चयन
समिति के चेयरपर्सन व सदस्यों पर पूर्व निर्धारित हलफनामों पर हस्ताक्षर
करने का दबाव बनाया था।
अदालत ने कहा कि यह गंभीर मामला है क्योंकि ये
हलफनामे बाद में इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सरकार की तरफ से जवाब
दायर करते समय प्रयोग किए गए थे। इसीलिए अदालत सीबीआइ को निर्देश देती है
कि इस मामले की जांच की जाए और दोषी अधिकारियों की पहचान की जाए। ऐसे में
अगर पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई
के निर्देश दिए जाएं।
अदालत ने कहा कि उन शिक्षकों को नौकरी में रहने का कोई हक नहीं है,
जिन्होंने फर्जी साक्षात्कार लिस्ट के आधार पर नौकरी पाई है। यह टिप्पणी
करते हुए अदालत ने कहा है कि अदालत हरियाणा सरकार को कोई निर्देश नहीं दे
रही है परंतु यह अदालत का सुझाव है। इस मामले को खुद ओमप्रकाश चौटाला, अजय
सिंह चौटाला व शेर सिंह बड़शामी के वकील ने अदालत के समक्ष उठाया कि उन
शिक्षकों को नौकरी में रहने का क्या हक है जिनको इस घोटाले के तहत नौकरी
मिली थी। अदालत ने इस दलील को गंभीरता से लिया और यह आदेश दिया है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जिन शिक्षकों को लाभ पहुंचाया गया था, उनको
साक्षात्कार में बीस में से 17 या उससे ज्यादा अंक दिए गए। अदालत ने
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह नौकरी
पाने वाले षड्यंत्र में सह-आरोपी होते हैं।
ऐसे में सरकार चाहे तो बाकी उम्मीदवारों की सूची इस मामले में सर्वोच्च
न्यायालय में दायर सूची के आधार पर तैयार कर सकती है। वहीं जहां तक
कुरुक्षेत्र, पानीपत व रोहतक जिले की बात है तो इनकी कोई सूची दाखिल नहीं
हुई थी। ऐसे में इन जिलों की सूची शैक्षणिक आधार पर या फिर से साक्षात्कार
लेकर तैयार की जा सकती है।
No comments:
Post a Comment