प्रदेश के 3206 जेबीटी शिक्षकों पर लटकी कानून की तलवार के बीच राज्य सरकार
ने रविवार को 2120 मास्टरों को मिडिल हेड के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी।
राज्य सरकार को 30 जनवरी को हाई कोर्ट में जवाब देना है। इसलिए पहले ही
मास्टरों को पदोन्नति का तोहफा प्रदान किया गया है। पदोन्नत मुख्याध्यापकों
को पंचकूला में काउंसलिंग के बाद स्टेशन दिया जाएगा।
प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से रविवार को 2120 अध्यापकों को
एलीमेंटरी मिडिल हेड के पद पर पदोन्नत करने का आदेश जारी किया गया है। इन
अध्यापकों को अब पे स्केल 9300-34800 जमा 4800 ग्रेड पे दिया जाएगा। पहले
उन्हें 4600 का ग्रेड पे स्केल दिया जा रहा था। पदोन्नति हासिल करने वाले
मास्टरों में मास्टर कैडर के 1757, सी एण्ड वी हिंदी कैडर के 162, सी एंड
वी पंजाबी कैडर के 26 और सी एंड वी संस्कृत कैडर के 175 अध्यापक शामिल हैं।
प्रदेश में 5548 मास्टरों को मिडिल हेड के पद पर पदोन्नति दी जानी है,
जिनकी पहली सूची रविवार को जारी हुई। शिक्षा के अधिकार कानून 2009 के लागू
होने के दौरान राज्य में कक्षा एक से आठ तक और कक्षा नौ से 12 तक दो श्रेणी
बनाई गई, जिनमें मिडिल हेड की श्रेणी में 5548 की पदोन्नति होनी है।
मास्टरों की श्रेणी में एसएस मास्टर, गणित मास्टर और साइंस मास्टर शामिल
हैं जबकि सी एंड वी श्रेणी में हिंदी, संस्कृत और पंजाबी के मास्टर शामिल
हैं। इन मास्टरों द्वारा पदोन्नति नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में केस दायर
किया गया है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 30 जनवरी तक पदोन्नति देकर
रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया हुआ है। रविवार को पहली पदोन्नति सूची जारी की
गई है। पदोन्नति की दूसरी लिस्ट 30 जनवरी के बाद हाई कोर्ट के नए
निर्देशों के आधार पर जारी की जा सकती है।
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