प्रदेश में पिछले 19 साल के भीतर करीब छह हजार भर्तियां पंजाब एवं हरियाणा
हाईकोर्ट द्वारा रद की गई हैं। इस अवधि में 9000 जेबीटी टीचर ऐसे हैं,
जिनके प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। हाई कोर्ट के निर्देश पर हरियाणा
विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के अधिकारियों को इसी साल अगस्त तक यह जांच
पूरी कर रिपोर्ट देनी है।
सिर्फ चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ही ऐसे मुख्यमंत्री नहीं हैं जिनके कार्यकाल
में हुई भर्तियों को रद किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, स्व.
भजनलाल और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई
भर्तियों को भी हाई कोर्ट द्वारा अलग-अलग कारणों से रद किया जा चुका है।
1994 में नियुक्त किए गए 1248 पटवारियों की भर्ती को हाईकोर्ट द्वारा रद
किया जा चुका है। भजनलाल के कार्यकाल में यह भर्तियां हुई थीं। उसके बाद
बंसीलाल के कार्यकाल में 1999 में हुई 1056 पटवारियों की भर्तियों को
हाईकोर्ट ने रद कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के
कार्यकाल में 2004 में हुई 819 कांस्टेबल की भर्तियों को भी हाईकोर्ट खारिज
कर चुका है जबकि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल 2011 में
1983 पीटीआइ शिक्षकों की भर्ती को रद किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त आधा
दर्जन ऐसे मामले हैं, जिन पर हाईकोर्ट ने नियुक्तियों में गलत प्रक्रिया
अपनाए जाने का संज्ञान लेते हुए कड़ी हिदायतें जारी की हैं। सीबीआइ की नई
दिल्ली स्थित अदालत ने हालांकि 3206 जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी
घोषित कर दिए हैं, लेकिन अभी शिक्षकों के बारे में कोई दिशा-निर्देश नहीं
मिले हैं।
No comments:
Post a Comment