पंजाब
और हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि गेस्ट टीचरों को
ताजा नियुक्तियां होने तक रखा जा सकेगा। जिसके बाद में इन शिक्षकों को
राहत मिली है।
इस तरह के दिशा निर्देश सुदेश रानी द्वारा दायर अपील पर दिये गए हैं। उसने हरियाणा सरकार और अन्य कुछ के विरुद्ध अपील की थी। मामले में मुख्य न्यायाधीश पंजाब एंव हरियाणा जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन की खंडपीठ ने सुनवाई की है। याचिका में सुदेश रानी का अपने वकील के माध्यम से दावा किया था कि वह एक गेस्ट टीचर के तौर पर निर्धारित अवधि तक के लिए नियुक्त हुई थी। जिसके बाद में उनकी नियुक्ति का समय समय-समय पर बढ़ाया गया था। इस दौरान उसकी सेवाओं को एकाएक समाप्त कर दिया गया। जिसके बाद में सुदेश रानी की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। पूर्व में यह मामला एकल बेंच ने सुनवाई की थी। जिसके बाद में कोर्ट के आदेश पर 31 दिसंबर, 2012 तक जारी रखने की अनुमति दी गई थी। यह भी उस तारीख पर निर्देशित किया गया था कि रेगुलर नियुक्तियां होने की सूरत में इन शिक्षकों की स्वत: ही सेवाएं समाप्ंत मान ली जाएंगी।
गेस्ट टीचर्स मामले में हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट तक मामला जा चुका था। हरियाणा पात्र अध्यापक संघ की ओर से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गेस्ट टीचरों की नियुक्तियों को चेलेंज किया गया था। जिसके बाद में इन्हें हटाने के निर्देश जारी कर दिये गए थे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इन नियुक्तियों में खामिया व अनियमितताएं पाए जाने पर जल्द से जल्द नियमित नियुक्ति के निर्देश जारी किये थे।
इस तरह के दिशा निर्देश सुदेश रानी द्वारा दायर अपील पर दिये गए हैं। उसने हरियाणा सरकार और अन्य कुछ के विरुद्ध अपील की थी। मामले में मुख्य न्यायाधीश पंजाब एंव हरियाणा जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन की खंडपीठ ने सुनवाई की है। याचिका में सुदेश रानी का अपने वकील के माध्यम से दावा किया था कि वह एक गेस्ट टीचर के तौर पर निर्धारित अवधि तक के लिए नियुक्त हुई थी। जिसके बाद में उनकी नियुक्ति का समय समय-समय पर बढ़ाया गया था। इस दौरान उसकी सेवाओं को एकाएक समाप्त कर दिया गया। जिसके बाद में सुदेश रानी की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। पूर्व में यह मामला एकल बेंच ने सुनवाई की थी। जिसके बाद में कोर्ट के आदेश पर 31 दिसंबर, 2012 तक जारी रखने की अनुमति दी गई थी। यह भी उस तारीख पर निर्देशित किया गया था कि रेगुलर नियुक्तियां होने की सूरत में इन शिक्षकों की स्वत: ही सेवाएं समाप्ंत मान ली जाएंगी।
गेस्ट टीचर्स मामले में हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट तक मामला जा चुका था। हरियाणा पात्र अध्यापक संघ की ओर से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गेस्ट टीचरों की नियुक्तियों को चेलेंज किया गया था। जिसके बाद में इन्हें हटाने के निर्देश जारी कर दिये गए थे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इन नियुक्तियों में खामिया व अनियमितताएं पाए जाने पर जल्द से जल्द नियमित नियुक्ति के निर्देश जारी किये थे।
-Read Haribhoomi