Tuesday, January 29, 2013

हरियाणा में नियमित भर्ती तक नौकरी पर रहेंगे गेस्ट टीचर्स

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि गेस्ट टीचरों को ताजा नियुक्तियां होने तक रखा जा सकेगा। जिसके बाद में इन शिक्षकों को राहत मिली है।

इस तरह के दिशा निर्देश सुदेश रानी द्वारा दायर अपील पर दिये गए हैं। उसने हरियाणा सरकार और अन्य कुछ के विरुद्ध अपील की थी। मामले में मुख्य न्यायाधीश पंजाब एंव हरियाणा जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन की खंडपीठ ने सुनवाई की है। याचिका में सुदेश रानी का अपने वकील के माध्यम से दावा किया था कि वह एक गेस्ट टीचर के तौर पर निर्धारित अवधि तक के लिए नियुक्त हुई थी। जिसके बाद में उनकी नियुक्ति का समय समय-समय पर बढ़ाया गया था। इस दौरान उसकी सेवाओं को एकाएक समाप्त कर दिया गया। जिसके बाद में सुदेश रानी की ओर से एक याचिका दायर की गई थी। पूर्व में यह मामला एकल बेंच ने सुनवाई की थी। जिसके बाद में कोर्ट के आदेश पर 31 दिसंबर, 2012 तक जारी रखने की अनुमति दी गई थी। यह भी उस तारीख पर निर्देशित किया गया था कि रेगुलर नियुक्तियां होने की सूरत में इन शिक्षकों की स्वत: ही सेवाएं समाप्ंत मान ली जाएंगी।

गेस्ट टीचर्स मामले में हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट तक मामला जा चुका था। हरियाणा पात्र अध्यापक संघ की ओर से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गेस्ट टीचरों की नियुक्तियों को चेलेंज किया गया था। जिसके बाद में इन्हें हटाने के निर्देश जारी कर दिये गए थे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इन नियुक्तियों में खामिया व अनियमितताएं पाए जाने पर जल्द से जल्द नियमित नियुक्ति के निर्देश जारी किये थे। 
-Read Haribhoomi

Monday, January 28, 2013

सीबीएसई में 9वीं व 10वीं के प्रश्नपत्र मिलेंगे ऑनलाइन

सीबीएसई से संबंद्ध स्कूलों में इस बार 9वीं व 10वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र ऑनलाइन मिलेंगे। इतना ही नहीं, हर स्कूल के प्रश्नपत्र एक-दूसरे से भिन्न होंगे। इसको लेकर स्कूलों को 1 से 15 फरवरी तक बोर्ड में पंजीकरण करवाना होगा। इसके बाद स्कूलों को उनका पासवर्ड दे दिया जाएगा। सीबीएसई बोर्ड के चेयरमैन विनीत जोशी ने बताया कि कुछ स्कूलों की शिकायत रहती थी कि उनके यहां जो प्रश्न पत्र भेजे गए, वह दूसरे स्कूल में भी भेज दिए गए हैं। सीडी भेजने की प्रक्रिया थोड़ी ज्यादा समय लेने वाली थी। इसके चलते प्रश्नपत्र ऑनलाइन होने से न सिर्फ पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगे बल्कि इसमें और अधिक पारदर्शिता रहेगी। अब स्कूलों को निर्धारित तिथि में ऑनलाइन प्रश्न पत्र मिल जाएगा। सीबीएसई अभी तक स्कूलों को 9वीं व 10वीं कक्षा के विभिन्न विषयों के प्रश्न पत्रों की सीडी बनाकर भेजती थी। उसमें 40 प्रश्नपत्र होते थे, जिसमें से किसी एक का चयन कर परीक्षा ली जाती थी। ऑनलाइन प्रश्नपत्र के तहत दो यूनिक प्रश्नपत्र स्कूलों को भेजे जाएंगे। इन प्रश्नपत्रों से स्कूल अपना कोई अलग प्रश्नपत्र भी बना सकता है।

अब हरियाणा में नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा में भी होगा सेमेस्टर सिस्टम!

अब केवल दसवीं व बारहवीं में ही नहीं, बल्कि नौवीं व ग्यारहवीं कक्षा में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की तैयारी है। इसके साथ ही नौवीं व ग्यारहवीं कक्षा में भी बोर्ड परीक्षा का प्रस्ताव है। 31 जनवरी को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के निदेशक मंडल की होने वाली बैठक में इन प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। सूत्रों के अनुसार यदि नया प्रस्ताव लागू होगा तो प्रदेश की शिक्षा का परिदृश्य ही बदल जाएगा। इसके तहत नौवीं व दसवीं कक्षा का एक तथा ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा का एक ही सर्टिफिकेट मिलेगा। नौवीं कक्षा में दो सेमेस्टर होंगे। प्रमाणपत्र के अंकों में पहले सेमेस्टर के लिए 10 प्रतिशत वेटेज दी जाएगी, जबकि दूसरे सेमेस्टर के लिए 20 प्रतिशत अंकों की वेटेज दी जाएगी। आंतरिक मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षा दोनों के अंक पचास-पचास फीसद होंगे। नए प्रस्ताव के अनुसार दसवीं कक्षा में प्रथम सेमेस्टर में 20 अंक की वेटेज दी जाएगी, जबकि दूसरे सेमेस्टर में 50 फीसद अंकों का वेटेज दिया जाएगा। इस कक्षा के लिए 30 फीसद आंतरिक मूल्यांकन के अंक होंगे जबकि 70 प्रतिशत शिक्षा बोर्ड की परीक्षा के लिए निर्धारित किए गए हैं। नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं तथा बारहवीं कक्षा के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं अब स्कूल स्तर पर ही आयोजित होंगी, लेकिन प्रश्न पत्र शिक्षा बोर्ड उपलब्ध करवाएगा। परीक्षा की तिथि व समय का निर्धारण भी बोर्ड ही करेगा। दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा का संचालन व प्रश्न पत्र सभी कार्य शिक्षा बोर्ड ही करेगा। कमोवेश इसी तरह ग्यारहवीं में प्रथम सेमेस्टर में 30 प्रतिशत और दूसरे सेमेस्टर में 70 प्रतिशत अंकों का वेटेज दिया जाना है।

Wednesday, January 23, 2013

हरियाणा के 3206 जेबीटी शिक्षकों के भविष्य पर अनिश्चितता

सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद भी हरियाणा के 3206 जेबीटी शिक्षकों के भविष्य पर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि सीबीआइ कोर्ट के फैसले पर कानूनी राय के बाद ही इन शिक्षकों के भविष्य पर कोई फैसला लिया जा सकता है। अनिश्चिय के साये में जी रहे 3206 जेबीटी शिक्षकों को वैसे तो पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने 27 जनवरी तक प्रमोशन सहित सभी लाभ देने के निर्देश दिए हुए हैं लेकिन अब सीबीआइ कोर्ट के फैसले के बाद राज्य का शिक्षा विभाग कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। अहम सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिन शिक्षकों की भर्ती में घोटाले का आरोप लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला को जेल भेज दिया गया है, क्या उन्हीं शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखा जाए। इस सवाल पर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों में बेहद माथापच्ची चल रही है। जहां तक इन जेबीटी शिक्षकों के भविष्य का सवाल है, नियुक्ति के बाद वे दिसंबर 2010 में हाईकोर्ट गए थे। वहां उन्होंने प्रमोशन की मांग की थी। राज्य सरकार इस केस के ट्रायल के चलते इनके नियुक्तियों संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल भी कर चुकी है। ऐसे में हाई कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को सरकार को चार महीने में मामले का निपटारा करने को कहा था। शिक्षा विभाग को अब 27 जनवरी तक मामले में कोई कदम तो उठाना ही पड़ेगा।

Tuesday, January 22, 2013

अब सेकेंडरी शिक्षक भर्ती की भी जांच करे सीबीआइ

आइएएस संजीव कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा था कि जिस तरह का घोटाला जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में हुआ है, ठीक उसी तरह का घोटाला सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के तहत शिक्षकों के मामलों में भी किया गया था। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच तो हो ही चुकी है, मगर सेकेंडरी शिक्षकों की भर्ती की कोई जांच नहीं हुई। यह टिप्पणी करते हुए रोहिणी कोर्ट के विशेष सीबीआइ जज विनोद कुमार ने सीबीआइ को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में आगे फिर से जांच करे। अदालत ने उन डिप्टी कमिश्नर (डीसी) व एसडीएम पर भी सवाल उठाया है जिन्होंने इस मामले में जिला चयन समिति के चेयरपर्सन व सदस्यों पर पूर्व निर्धारित हलफनामों पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया था।
 अदालत ने कहा कि यह गंभीर मामला है क्योंकि ये हलफनामे बाद में इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सरकार की तरफ से जवाब दायर करते समय प्रयोग किए गए थे। इसीलिए अदालत सीबीआइ को निर्देश देती है कि इस मामले की जांच की जाए और दोषी अधिकारियों की पहचान की जाए। ऐसे में अगर पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं। अदालत ने कहा कि उन शिक्षकों को नौकरी में रहने का कोई हक नहीं है, जिन्होंने फर्जी साक्षात्कार लिस्ट के आधार पर नौकरी पाई है। यह टिप्पणी करते हुए अदालत ने कहा है कि अदालत हरियाणा सरकार को कोई निर्देश नहीं दे रही है परंतु यह अदालत का सुझाव है। इस मामले को खुद ओमप्रकाश चौटाला, अजय सिंह चौटाला व शेर सिंह बड़शामी के वकील ने अदालत के समक्ष उठाया कि उन शिक्षकों को नौकरी में रहने का क्या हक है जिनको इस घोटाले के तहत नौकरी मिली थी। अदालत ने इस दलील को गंभीरता से लिया और यह आदेश दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जिन शिक्षकों को लाभ पहुंचाया गया था, उनको साक्षात्कार में बीस में से 17 या उससे ज्यादा अंक दिए गए। अदालत ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह नौकरी पाने वाले षड्यंत्र में सह-आरोपी होते हैं। ऐसे में सरकार चाहे तो बाकी उम्मीदवारों की सूची इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में दायर सूची के आधार पर तैयार कर सकती है। वहीं जहां तक कुरुक्षेत्र, पानीपत व रोहतक जिले की बात है तो इनकी कोई सूची दाखिल नहीं हुई थी। ऐसे में इन जिलों की सूची शैक्षणिक आधार पर या फिर से साक्षात्कार लेकर तैयार की जा सकती है।

हरियाणा - अब 3206 जेबीटी टीचर पर संकट गहराया

3206 जेबीटी शिक्षकों एवं इस घोटाले में शामिल जिला स्तर के सजायाफ्ता अधिकारियों के मामले में राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। इन शिक्षकों को वैसे तो हाइ कोर्ट ने 27 जनवरी तक पदोन्नति सहित सभी लाभ देने के निर्देश दे रखे हैं लेकिन अब सीबीआइ कोर्ट के फैसले के बाद राज्य का शिक्षा विभाग आगे की रणनीति तय करेगा। जहां तक शिक्षकों का सवाल है तो नियुक्ति के बाद ये दिसंबर 2010 में हाई कोर्ट गए थे। वहां इन्होंने पदोन्नति की मांग की थी। यहां यह भी गौरतलब है कि राज्य सरकार इस केस के ट्रायल के चलते इनके नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों की जांच कर चुकी है। हाई कोर्ट ने पिछले वर्ष 27 सितंबर को चार महीने में सरकार को इस मामले का निपटारा करने को कहा था। इसी माह 27 तारीख को यह समय सीमा पूरी हो रही है। वैसे सीबीआइ कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार और समय मांग सकती है।

Monday, January 21, 2013

हरियाणा में 2120 मास्टर बने मिडिल हेड

प्रदेश के 3206 जेबीटी शिक्षकों पर लटकी कानून की तलवार के बीच राज्य सरकार ने रविवार को 2120 मास्टरों को मिडिल हेड के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी। राज्य सरकार को 30 जनवरी को हाई कोर्ट में जवाब देना है। इसलिए पहले ही मास्टरों को पदोन्नति का तोहफा प्रदान किया गया है। पदोन्नत मुख्याध्यापकों को पंचकूला में काउंसलिंग के बाद स्टेशन दिया जाएगा। प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से रविवार को 2120 अध्यापकों को एलीमेंटरी मिडिल हेड के पद पर पदोन्नत करने का आदेश जारी किया गया है। इन अध्यापकों को अब पे स्केल 9300-34800 जमा 4800 ग्रेड पे दिया जाएगा। पहले उन्हें 4600 का ग्रेड पे स्केल दिया जा रहा था। पदोन्नति हासिल करने वाले मास्टरों में मास्टर कैडर के 1757, सी एण्ड वी हिंदी कैडर के 162, सी एंड वी पंजाबी कैडर के 26 और सी एंड वी संस्कृत कैडर के 175 अध्यापक शामिल हैं। प्रदेश में 5548 मास्टरों को मिडिल हेड के पद पर पदोन्नति दी जानी है, जिनकी पहली सूची रविवार को जारी हुई। शिक्षा के अधिकार कानून 2009 के लागू होने के दौरान राज्य में कक्षा एक से आठ तक और कक्षा नौ से 12 तक दो श्रेणी बनाई गई, जिनमें मिडिल हेड की श्रेणी में 5548 की पदोन्नति होनी है। मास्टरों की श्रेणी में एसएस मास्टर, गणित मास्टर और साइंस मास्टर शामिल हैं जबकि सी एंड वी श्रेणी में हिंदी, संस्कृत और पंजाबी के मास्टर शामिल हैं। इन मास्टरों द्वारा पदोन्नति नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में केस दायर किया गया है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 30 जनवरी तक पदोन्नति देकर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया हुआ है। रविवार को पहली पदोन्नति सूची जारी की गई है। पदोन्नति की दूसरी लिस्ट 30 जनवरी के बाद हाई कोर्ट के नए निर्देशों के आधार पर जारी की जा सकती है।

Friday, January 18, 2013

हरियाणा - 19 साल के भीतर छह हजार भर्तियां रद

प्रदेश में पिछले 19 साल के भीतर करीब छह हजार भर्तियां पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा रद की गई हैं। इस अवधि में 9000 जेबीटी टीचर ऐसे हैं, जिनके प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। हाई कोर्ट के निर्देश पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के अधिकारियों को इसी साल अगस्त तक यह जांच पूरी कर रिपोर्ट देनी है। सिर्फ चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ही ऐसे मुख्यमंत्री नहीं हैं जिनके कार्यकाल में हुई भर्तियों को रद किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, स्व. भजनलाल और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई भर्तियों को भी हाई कोर्ट द्वारा अलग-अलग कारणों से रद किया जा चुका है। 1994 में नियुक्त किए गए 1248 पटवारियों की भर्ती को हाईकोर्ट द्वारा रद किया जा चुका है। भजनलाल के कार्यकाल में यह भर्तियां हुई थीं। उसके बाद बंसीलाल के कार्यकाल में 1999 में हुई 1056 पटवारियों की भर्तियों को हाईकोर्ट ने रद कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के कार्यकाल में 2004 में हुई 819 कांस्टेबल की भर्तियों को भी हाईकोर्ट खारिज कर चुका है जबकि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल 2011 में 1983 पीटीआइ शिक्षकों की भर्ती को रद किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त आधा दर्जन ऐसे मामले हैं, जिन पर हाईकोर्ट ने नियुक्तियों में गलत प्रक्रिया अपनाए जाने का संज्ञान लेते हुए कड़ी हिदायतें जारी की हैं। सीबीआइ की नई दिल्ली स्थित अदालत ने हालांकि 3206 जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी घोषित कर दिए हैं, लेकिन अभी शिक्षकों के बारे में कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।

हरियाणा सरकारी भर्तियों में इंटरव्यू ठीक तो काहे की फिक्र

प्रदेश में हो रही सरकारी भर्तियों में शैक्षणिक योग्यताओं व लिखित परीक्षा को दरकिनार करते हुए केवल साक्षात्कार को ही महत्व दिया जा रहा है। जिस आवेदक को साक्षात्कार में ज्यादा अंक मिले, उसका सलेक्शन पक्का है, चाहे उसने 10वीं से एमए तृतीय श्रेणी में ही पास क्यों न कर रखी हो।
हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन ने स्कूल लेक्चरर की भर्ती में जो मापदंड अपनाए हैं, उससे तो ऐसा ही लगता है। जींद के पुलिस कालोनी निवासी विकास ने सूचना के अधिकार के तहत एचपीएससी से स्कूल लेक्चरर भर्ती परीक्षा (विज्ञापन संख्या 3/2009) के बारे में सूचना मांगी थी। कमीशन ने पत्र क्रमांक 17433 के तहत आवेदक को जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक भर्ती में 25 नंबर पात्रता, पांच नंबर एम.फिल, पांच नंबर पीएचडी और पांच नंबर अन्य योग्यताओं को दिए गए हैं। साक्षात्कार को सर्वाधिक महत्व दिया गया है, जिसके लिए 60 अंक निर्धारित किए गए। यहां यह सोचने वाली बात है कि जो 25 नंबर पात्रता के दिए गए हैं, वह उन सभी को मिलेंगे, जिन्हें कम या ज्यादा नंबरों से पात्रता पास कर रखी है। इसी प्रकार से एम.फिल व पीएचडी धारक बहुत कम मिलते हैं और अन्य योग्यताओं जिनमें एनसीसी बी, सी सर्टिफिकेट, एम.ए में 75 प्रतिशत से ज्यादा, खेलों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेट पर पर पांच नंबर देने की बात कही गई है।
ये योग्यताएं भी बहुत कम लोगों के पास होती हैं। 60 अंक साक्षात्कार के हैं, जबकि शैक्षणिक योग्यता व लिखित परीक्षा को कोई अंक नहीं दिया गया है। यदि कोई आवेदक दसवीं से एम.ए तक तृतीय श्रेणी में पास है तो उसे आसानी से पिछली दरवाजे से साक्षात्कार में अधिक नंबर देकर स्कूल लेक्चरर बनाया जा सकता है।

Thursday, January 17, 2013

राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा - सहायक व अतिरिक्त निदेशक निलंबित

राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) जांच में व्यापक अनियमितताएं मिल रही हैं। किसी ने अंगूठे की जगह अंगुली का निशान लगा दिया तो किसी ने अंगूठे को ही घुमा दिया। जिनकी ड्यूटी लगी थी वे अनुपस्थित रहे। इस मामले में शिक्षा विभाग के एक सहायक निदेशक व अतिरिक्त निदेशक को निलंबित कर दिया गया है। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार लगभग 8419 जेबीटी अध्यापकों के रिकार्ड की जांच के आदेश दिए थे। जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिल रही है। सूत्र बताते हैं कि स्टेट जांच मामले में प्रदेश के 12 जिलों के उम्मीदवारों की जांच हो चुकी है और तेरहवें जिले फतेहाबाद की जांच चल रही है। अब तक लगभग 3800 उम्मीदवारों ने अपने अंगूठे के निशान शिक्षा बोर्ड मुख्यालय पर दिए हैं। जांच अधिकारी शिक्षा बोर्ड द्वारा उपलब्ध करवाए गए रिकार्ड व लिए जा रहे अंगूठे के निशान को जांच के लिए मधुबन प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है। जांच के दौरान तैनात किए गए दो बड़े अधिकारी अतिरिक्त निदेशक आरपी यादव व सहायक निदेशक रमेश कुमार ड्यूटी से अनुपस्थित रह रहे थे। इन दोनों अधिकारियों को सरकार ने तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हालांकि पता यह भी चला है कि अतिरिक्त निदेशक आरपी यादव मेडिकल अवकाश पर थे।

Tuesday, January 15, 2013

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने बदला 10वीं, 12वीं व डीएड की उत्तरपुस्तिकाओं का डिजाइन

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने दसवीं, बारहवीं तथा डीएड की उत्तरपुस्तिकाओं के डिजाइन में व्यापक बदलाव कर दिया है। नई उत्तरपुस्तिकाओं के साथ ओएमआर शीट भी दी जाएंगी। प्रदेश के करीब दस लाख छात्रों को ओएमआर शीट का प्रशिक्षण देने के लिए जल्द ही ओएमआर शीट भेजी जा रही हैं। पंजाब बोर्ड की तर्ज पर किए गए इस बदलाव से सुरक्षा व पारदर्शिता बनी रहेंगी। सूत्र बताते हैं कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन के महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार उत्तरपुस्तिकाओं के साथ ओएमआर शीट अटैच की जाएगी। इसमें बार कोडिंग के अलावा फिक्टिशियस (खुफिया) नंबर दिया जाएगा। यह परीक्षार्थी के रोल नंबर से भिन्न होगा। उत्तरपुस्तिकाओं को चेकिंग के लिए इसी नंबर का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के दौरान गड़बड़ी बिलकुल नहीं रहेगी। शिक्षा बोर्ड प्रशासन स्कूलों में नई उतरपुस्तिका व ओएमआर शीट प्रशिक्षण के लिए भेजेगा, ताकि परीक्षार्थियों को नई उत्तर पुस्तिका समझने में कोई परेशानी न हो।

Monday, January 14, 2013

हरियाणा पीजीटी भर्ती में अब अनुभव वाले कर सकेंगे आवेदन

हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड ने पीजीटी भर्ती में चार साल का अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को एक बड़ी राहत दी है। अब ऐसे उम्मीदवार भी इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे, जो योग्य होने के बावजूद इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए थे। इस संबंध में बोर्ड ने शनिवार को अधिसूचना जारी करते हुए इन उम्मीदवारों से दोबारा आवेदन मांगे हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड की तरफ से पीजीटी के लिए 14 हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसमें उन उम्मीदवारों को पात्रता परीक्षा मामले में छूट दी गई थी, जिनका राजकीय, एडिड और मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में चार वर्ष का शिक्षण अनुभव था। बोर्ड की इस शर्त से कई उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए। इनका शिक्षण अनुभव तो था, मगर वे मौजूदा स्थिति में किसी स्कूल में कार्यरत नहीं थे। बाद में इस मामले में कई उम्मीदवार हाई कोर्ट चले गए। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निर्णय दिया कि पीजीटी की इस भर्ती में एचटेट योग्यता ना रखने वाले वे सभी उम्मीदवार भी योग्य माने जाएंगे, जिनका चार साल का शैक्षणिक अनुभव है, भले ही वे बोर्ड की तरफ से निर्धारित तिथि को सेवा में हो या न हो।

Friday, January 11, 2013

हरियाणा शिक्षा बोर्ड - 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं 4 मार्च से

हरियाणा शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने 10वीं व 12वीं कक्षा की परीक्षाओं की तिथि तय कर दी है। ये परीक्षाएं 4 मार्च से शुरू होंगी। इनके बाद प्रशासन एचटेट लेने की तैयारी में जुट गया है। सूत्र बताते हैं कि लगभग एक माह चलने वाली बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी गई है। परीक्षा केंद्रों व उड़नदस्तों के गठन की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। उधर इन परीक्षाओं के साथ साथ एचटेट के आयोजन को लेकर शिक्षा बोर्ड प्रशासन सक्रिय हो गया है। हालांकि पूर्व में एचटेट फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित करने का विचार किया जा रहा था, लेकिन अधिकारियों की व्यस्तता के चलते एचटेट अब अप्रैल माह में करने पर विचार किया जा रहा है।
-Read D.Jagran Jan.12,2013

Thursday, January 10, 2013

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का ऑनलाइन सिस्टम तैयार होगा

नए सत्र परीक्षार्थियों को सभी प्रकार की सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने को लेकर शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बोर्ड ने हैदराबाद की एक कंपनी का चयन किया है। डील फाइनल करने से पहले बोर्ड अधिकारी खुद इस कंपनी का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान डील फाइनल हो जाती है तो जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने परीक्षार्थियों से संबंधित सभी कार्यों को ऑनलाइन करने का फैसला लिया है ताकि स्कूल संचालकों के साथ साथ खुद परीक्षार्थियों या उनके अभिभावकों को बोर्ड मुख्यालय के चक्कर न काटने पड़े। बोर्ड के इस फैसले के तहत दसवीं व बारहवीं के फ्रेश आवेदन, रिवेल्युएशन, रि चेकिंग, कंपार्टमेंट आदि सभी तरह के आवेदन ऑनलाइन कर दिए जाएंगे। इसके अलावा सभी स्कूलों की अपनी खुद की एक मेल आईडी बनाई जाएगी, जिसके द्वारा वह बोर्ड के संपर्क में रह सकेंगे और किसी भी इंक्वायरी का इस मेल के जरिए समाधान कर सकेंगे। उम्मीद है कि परीक्षार्थियों को यह सुविधा नए सत्र से उपलब्ध हो जाए। बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट के लिए हैदराबाद की एक कंपनी सेंटर ऑफ गुड गवर्निंग का चयन किया है। यह एक गवर्नमेंट अंडरटेकिंग कंपनी है।

हरियाणा और चंडीगढ़ के युवाओं के लिए भर्ती रैली 5 फरवरी से

भारतीय थल सेना के भर्ती कार्यालय अंबाला की ओर से करनाल के कर्ण स्टेडियम में आगामी 5 से 13 फरवरी तक भर्ती रैली आयोजित की जाएगी। सेना भर्ती अधिकारी कर्नल यू. मुखर्जी ने बताया कि भर्ती सुबह 5 बजे शुरू होगी।
सिपाही की भर्ती के लिए ऐसे युवाओं को ही स्टेडियम में प्रवेश दिया जाएगा, जिनका कद 170 सेंटीमीटर होगा। क्लर्क भर्ती में 162 सेंटीमीटर लंबाई वाला युवा भाग ले सकेगा। पांच फरवरी को धार्मिक शिक्षक जिनमें पंडित, मौलवी, पादरी, मजहबी, सिख एवं रामदासियों की भर्ती की जाएगी।
6 फरवरी को जिला करनाल, पंचकूला एवं चंडीगढ़, 7 को अंबाला, 8 को कैथल, 9 को कुरुक्षेत्र और यमुनानगर, 10 को सभी जातियों के सोल्जर, स्टोर कीपर, 11 को क्लर्क, 12 को स्टोर कीपर कैथल एवं चंडीगढ़ और 13 फरवरी को सभी सोल्जर टेक्निकल युवाओं की भर्ती होगी। इस भर्ती में चयनित योग्य उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा भर्ती कार्यालय अंबाला में अप्रैल के अंतिम शनिवार को ली जाएगी।
हाथ पर धार्मिक टैटू एवं हाथ से आगे कलाई तक धार्मिक टैटू एवं कोई नाम लिखे उम्मीदवार को भर्ती में शामिल होने की अनुमति रहेगी।
शरीर के अन्य किसी भी अंग पर टैटू एवं नाम लिखे युवाओं को भर्ती में किसी भी सूरत में शामिल नहीं किया जाएगा। इस भर्ती में जाति प्रमाणपत्र तहसीलदार से प्रमाणित हो, सरपंच एवं नगरपालिका के पार्षद से प्रमाणित जाति प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा।

Wednesday, January 9, 2013

आरएएस (मुख्य) परीक्षा-2012 एक माह बाद होगी

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 28 जनवरी से शुरू होने वाली आरएएस (मुख्य) परीक्षा 2012 एक महीने के लिए आगे बढ़ा दी है। आयोग नया परीक्षा कार्यक्रम जल्द ही जारी करेगा। 
 
आयोग सचिव डॉ. केके पाठक के मुताबिक हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न याचिकाओं में पारित आदेशों के अंतर्गत अभ्यर्थियों के अभ्यावेदनों का समयबद्ध निस्तारण किए जाने के कारण परीक्षा तिथि आगे बढ़ाई गई है।आयोग आरएएस के 1150 पदों के लिए यह भर्ती परीक्षा आयोजित कर रहा है।

सीटेट परीक्षा नवंबर 2012 : केवल एक फीसदी ही पास

  • प्राइमरी वर्ग में 2481 (0.91 प्रतिशत) पास 
  • अपर प्राइमरी वर्ग में मात्र 2368 (0.45 प्रतिशत) पास
  • डीएवी में अब सीटेट पास ही
पात्रता परीक्षा में प्रतिभागियों के शैक्षणिक ज्ञान को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) के परिणाम ने आइना दिखा दिया है। नवंबर में संचालित की गई इस परीक्षा में 1 फीसदी युवा क्वालीफाई ही कर पाए हैं। इस परिणाम ने जहां परीक्षा की तैयारी का दंभ भरने वाले सेंटरों की कलई खोली है तो वहीं दूसरी ओर सीबीएसई के स्कूल संचालक भी इस परिणाम पर हैरान हैं। यह स्थिति फिर से उत्पन्न नहीं हो, उसके लिए अब शैक्षणिक संस्थानों ने शिक्षक की स्थाई नियुक्ति के लिए बीएड के साथ सीटेट उत्तीर्ण को भी अनिवार्य कर दिया है।

यह परीक्षा दो वर्गों में आयोजित की गई। जिसमें लगभग आठ लाख उम्मीदवार बैठे थे, लेकिन ओवरआल स्तर पर पास प्रतिशत एक प्रतिशत ही नहीं रह सका। बता दें कि प्राइमरी वर्ग में इस परीक्षा में जहां 2481 (0.91 प्रतिशत) उम्मीदवार पास हुए, वहीं अपर प्राइमरी वर्ग में मात्र 2368 (0.45 प्रतिशत) उम्मीदवार ही क्वालिफाई हो पाए।

कम समय तो नहीं कारण: शिक्षाविद् इंद्रजीत पराशर का कहना है कि ऐसी नौबत इसलिए भी उत्पन्न हुई क्योंकि १५० सवालों के लिए समय कम रखा गया है जबकि जवाब काफी लंबे देने होते हैं।

इस खराब प्रदर्शन के पीछे शिक्षण संस्थानों में नॉन अटैंडिंग ट्रेंड एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। बीएड और डीएड के सिलेबस में बच्चों के मनोविज्ञान और उन्हें पढ़ाने की तकनीक को बारीकी से अध्ययन कराया जाता है। पात्रता परीक्षा में भी बच्चों पर ही आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकांश स्टूडेंट्स बिना कॉलेज में आए ही परीक्षा पास करना चाहते हैं, लेकिन जब तक वे पूरा सिलेबस नहीं कर लेते, उनका ज्ञान अधूरा रहता है। खराब परीक्षा परिणाम के पीछे यही मुख्य कारण है।

हरियाणा राज्य में पंद्रह हजार गेस्ट टीचर पर लटकी तलवार

राज्य के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे 15 हजार ‘अतिथि अध्यापकों’ की सेवाएं समाप्त होने जा रही हैं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार फरवरी के पहले सप्ताह में इन शिक्षकों के लिए निर्धारित की गई समयावधि समाप्त होने जा रही है, जिसके बाद में इसे किसी भी सूरत में बढ़ाया नहीं जा सकता। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का पालन करने की बात दोहरा चुके हैं। दूसरी ओर राज्य के ‘अतिथि अध्यापकों’ द्वारा एक बार फिर से कई जिलों में आंदोलन का बिगुल बजा दिया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अब राज्य के अतिथि अध्यापक 6 फरवरी 2013 तक ही काम कर सकते हैं। इसके बाद में काम करने का अर्थ सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना वाली बात होगी। गेस्ट टीचरों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी 25 मार्च 2012 को आर्डर पास किया था। जिसमें इन्हें हटाए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद में इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के बाद में गेस्ट टीचरों को राहत मिल गई थी। राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से 322 दिन का समय प्रदान किया गया था, साथ ही सरकार के अफसरों ने खंडपीठ को बताया था कि राज्य में 35 हजार पोस्ट खाली हैं। गेस्ट टीचर हटने से समस्या होगी, इसीलिए राहत मिली थी, साथ ही 322 दिनों के बाद में किसी तरह की सेवा विस्तार नहीं मिलेगा यह बात भी तय हो गई थी। 14 हजार सात सौ के लगभग गेस्ट टीचरों की भर्ती को भी हाईकोर्ट ने पूरी तरह नियमविरुद्ध माना था। 

Saturday, January 5, 2013

हरियाणा में इंटर्नशिप बिना नहीं मिलेगा डीएड का डिप्लोमा

180 दिन की इंटर्नशिप नहीं की तो पास होने वाले छात्रों को डीएड का डिप्लोमा भी नहीं मिलेगा। भले ही प्रदेश के डीएड छात्र इंटर्नशिप बंद करने को लेकर प्रदर्शन कर चुके हों, लेकिन शिक्षा बोर्ड का नया नियम छात्रों पर हावी हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि बोर्ड के नए नियम के अनुसार डीएड के चारों सेमेस्टर पास करने वाले छात्रों को 180 दिन की इंटर्नशिप करना अनिवार्य है। इंटर्नशिप के भी अंक ग्रेड में देने का प्रावधान है। इस कारण छात्रों को दिए जाने वाले डीएड डिप्लोमा पर इंटर्नशिप का ग्रेड भी दर्शाया जाना है। इस वजह से भले ही प्रदेश के 18 हजार 218 छात्र छात्राएं आज पास हो गए हों, लेकिन उन्हें डिप्लोमा लेने के लिए अभी इंतजार करना होगा।
-Read D.Jagran 6Jan.2013

हरियाणा शिक्षक बोर्ड की पहली भरती मार्च तक

बिना परीक्षा लिए मेरिट के आधार पर तय किए कट आफ मार्क्स
साक्षात्कार के लिए पदों की संख्या से तीन गुना बुलाए आवेदक

हरियाणा शिक्षक भरती बोर्ड की पहली भरती मार्च तक घोषित हो जाएगी। बोर्ड ने पिछले साल जून में 14134 लेक्चरर पदों के लिए आवेदन मांगे थे। बोर्ड ने बिना परीक्षा लिए मेरिट आधार पर पदों की संख्या से तीन गुना आवेदकों का साक्षात्कार किया। मेवात कैडर के लिए साक्षात्कार पूरे हो चुके हैं। अन्य जिलों के लिए हिंदी, संस्कृत के लिए साक्षात्कार फरवरी तक पूरे कर लिए जाएंगे।
मेवात कैडर में 16 श्रेणियों के लिए 393 और शेष हरियाणा में 18 श्रेणियों के लिए 13741 लेक्चरर का चयन होना है। इन पदों के लिए 60000 से ज्यादा आवेदन आए। जिन्होंने स्टेट टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट पास नहीं किया हुआ था लेकिन चार साल का टीचिंग अनुभव था वे भी आवेदन के योग्य थे। कुछ उम्मीदवारों ने मेवात कैडर में भी आवेदन किया है। मेवात कैडर के लिए कुल पदों का दस गुना आवेदकों का साक्षात्कार किया गया। कुछ श्रेणियों में दस गुना से कम आवेदक थे उन सभी को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। शेष हरियाणा के पदों में इंग्लिश के 1870 लेक्चररों के पदों के लिए सभी नौ हजार उम्मीदवारों को बुलाया गया। हिंदी के 1700 पदों के लिए 11000 में 8000 उम्मीदवारों में से जनरल और बैकवर्ड श्रेणी के पोस्ट ग्रेजुएशन में 54 फीसदी और अनुसूचित जाति श्रेणी में 50 फीसदी अंकों वालों को बुलाया गया। राजनीतिक विज्ञान के 285 पदों के लिए 4500 में से 1330 जनरल और बैकवर्ड श्रेणी के 56 फीसदी और अनुसूचित जाति के 53 फीसदी तक के अंक वालों को बुलाया। कामर्स के 441 पदों के लिए 3954 में से 1842 को बुलाया गया।
इसमें जनरल और पिछड़ी श्रेणी के 57 फीसदी, अनुसूचित जाति के 48 फीसदी तक अंक वाले शामिल हैं। इतिहास के 275 पदों के लिए 3600 में से 1600 को बुलाया गया जिनके जनरल और पिछड़ी श्रेणी में 55 और अनुसूचित जाति श्रणी के 51 फीसदी तक अंक थे। एक्स सर्विसमैन और विकलांग श्रेणी के सभी आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। अन्य श्रेणी के लिए करीब- करीब सभी आवेदनकर्ताओं को बुलाया गया है।
 
    "बोर्ड ने कट आफ मार्क्स मूल योग्यता के अंकों के आधार पर तय किए हैं। बोर्ड ने मेवात कैडर के सभी पदों के लिए साक्षात्कार पूरे कर लिए हैं। अन्य जिलों के लिए इस महीने कामर्स, इंग्लिश के साक्षात्कार पूरे हो जाएंगे। फरवरी में संस्कृत और मार्च में हिंदी के साक्षात्कार पूरे हो जाएंगे। अन्य सभी श्रेणी के साक्षात्कार पूरे हो गए हैं। मार्च में चयनित लेक्चरर (पीजीटी) का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।"
-एनएल पूनिया, ब्रिगेडियर (रिटायर्ड), चेयरमैन, हरियाणा राज्य शिक्षक भरती बोर्ड

Read Amar Ujala 05Jan.2012

Friday, January 4, 2013

सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापक अभी दे सकेंगे सेवाएं

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अतिथि अध्यापकों के मामले में नया आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापक ही स्कूल में पढ़ा सकेंगे। सभी डीईओ व डीईईओ को जारी पत्र में इस आदेश को सख्ती से लागू कराने की हिदायत दी गई है। शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पत्र (4/43-2012 सीओ (4)) जारी कर अतिथि अध्यापक मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी। निदेशालय के पत्र के मुताबिक अब सरकारी स्कूलों में वही अतिथि अध्यापक सेवाएं दे सकेंगे, जो सर्वोच्च न्यायालय से स्टे लिए हुए हैं। हाई कोर्ट से स्टे लेने वाले अतिथि अध्यापकों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। स्कूलों में इस आदेश को सख्ती से तामिल कराने को लेकर पत्र की प्रति उपलब्ध करा दी गई है। इसके मुताबिक प्रधानाचार्य अतिथि अध्यापक को 31 दिसंबर 2012 की तिथि में रिलीव करने के बाद इसकी सूचना निदेशालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएंगे। सूचना न देने वाले स्कूल इंचार्जो के खिलाफ कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए वर्ष 2005 में अतिथि अध्यापकों की भर्ती की गई थी। भर्ती में अनियमितता को देखते हुए उपनिदेशक स्तर के अधिकारियों की 7 टीमें गठित की गई। अक्टूबर 2010 में सौंपी गई रिपोर्ट में भर्ती में अनियमितता का मामला उजागर हुआ। इस पर पात्र शिक्षक संघ ने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले अतिथि अध्यापकों को हटाने की मांग की। मामला हाई कोर्ट में चला गया तो उसने 719 अतिथि अध्यापकों को 31 दिसंबर तक हटाने का आदेश दे दिया।