राजस्थान उच्च न्यायालय के ४ जुलाई 2011 को जारी स्थगन आदेश से पूर्व शिक्षा विभाग में लगे विद्यार्थी मित्रों को हटाया नहीं जाएगा। प्रमुख शासन सचिव, स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा विभाग अशोक संपतराम ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी विद्यार्थी मित्रों को हटाए जाने की शिकायतों को देखते हुए प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया है कि हाई कोर्ट के आदेश से पूर्व लगे विद्यार्थी मित्रों को नया अनुबंध भरना होगा। इस संबंध में 29 जून को आदेश जारी किए जा चुके हैं। यदि किसी प्रकरण विशेष में हाई कोर्ट ने बिना अनुबंध किसी विद्यार्थी मित्र को रखने के आदेश दिए हुए हैं तो उससे अनुबंध नहीं करवाया जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य में व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक और अध्यापकों के रिक्त पदों पर शैक्षिक सत्र 2010- 11 में संविदा पर कार्यरत विद्यार्थी मित्रों को पूर्व में जारी शर्तों एवं मानदेय के आधार पर तथा उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार शैक्षिक सत्र 2011- 12 के लिए जुलाई 2011 से संविदा पर लगाने की स्वीकृति विभाग ने जारी की थी। इस संबंध में विभाग ने 29 जून को एक आदेश जारी करते हुए प्रत्येक विद्यार्थी मित्र से नया अनुबंध करने को कहा था। इसी बीच उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जोधपुर ने एक याचिका पर चार जुलाई को अंतरिम आदेश जारी कर सरकार को यह निर्देश जारी किए कि राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम 1971 में विद्यार्थी नाम का कोई पद सम्मिलित नहीं है। इसे देखते हुए न्यायालय ने अग्रिम आदेशों तक राज्य में कहीं भी विद्यार्थी मित्र नहीं लगाने के आदेश दिए थे। इसी क्रम में प्रमुख सचिव ने 11 जुलाई को निर्देश जारी कर दिए लेकिन आदेशों के असमंजस के कारण कई जिलों में विद्यार्थी मित्रों को हटा दिया गया।
-D.Bhaskar(Alwar) Sep.2,2011
गौरतलब है कि राज्य में व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक और अध्यापकों के रिक्त पदों पर शैक्षिक सत्र 2010- 11 में संविदा पर कार्यरत विद्यार्थी मित्रों को पूर्व में जारी शर्तों एवं मानदेय के आधार पर तथा उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार शैक्षिक सत्र 2011- 12 के लिए जुलाई 2011 से संविदा पर लगाने की स्वीकृति विभाग ने जारी की थी। इस संबंध में विभाग ने 29 जून को एक आदेश जारी करते हुए प्रत्येक विद्यार्थी मित्र से नया अनुबंध करने को कहा था। इसी बीच उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जोधपुर ने एक याचिका पर चार जुलाई को अंतरिम आदेश जारी कर सरकार को यह निर्देश जारी किए कि राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम 1971 में विद्यार्थी नाम का कोई पद सम्मिलित नहीं है। इसे देखते हुए न्यायालय ने अग्रिम आदेशों तक राज्य में कहीं भी विद्यार्थी मित्र नहीं लगाने के आदेश दिए थे। इसी क्रम में प्रमुख सचिव ने 11 जुलाई को निर्देश जारी कर दिए लेकिन आदेशों के असमंजस के कारण कई जिलों में विद्यार्थी मित्रों को हटा दिया गया।
-D.Bhaskar(Alwar) Sep.2,2011
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