कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के चेयरमैन
और तीन सदस्यों की नियुक्ति को खारिज करने की मांग पर हरियाणा सरकार ने
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपना पक्ष नहीं रखा। सरकार के जवाब के लिए
समय मांगने पर कोर्ट ने सुनवाई 21 मई तय कर दी।
हिसार के वीकेंद्र मलिक व विक्टर रॉबिंसन ने अपनी याचिका में 21 व 3 1अक्टूबर 2011 की उन अधिसूचनाओं को खारिज करने की मांग की जिसमें विजय कुमार को आयोग का चेयरमैन और विनय शर्मा, अशोक जैन व राम सरन भोला को सदस्य नियुक्त किया गया था। याचिका में आरटीआई के तहत जानकारी का हवाला देते हुए कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए कोई आवेदन नहीं मांगे गए और न कोई मेरिट तैयार की गई। सरकार ने मनमर्जी से नियुक्तियां कर दीं। याचिका में मांग की गई कि चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति हाई लेवल सिलेक्शन कमेटी के जरिए नए सिरे से की जाए। कोर्ट ने इस याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था जिस पर सरकार ने गुरुवार को समय की मांग की।
हिसार के वीकेंद्र मलिक व विक्टर रॉबिंसन ने अपनी याचिका में 21 व 3 1अक्टूबर 2011 की उन अधिसूचनाओं को खारिज करने की मांग की जिसमें विजय कुमार को आयोग का चेयरमैन और विनय शर्मा, अशोक जैन व राम सरन भोला को सदस्य नियुक्त किया गया था। याचिका में आरटीआई के तहत जानकारी का हवाला देते हुए कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए कोई आवेदन नहीं मांगे गए और न कोई मेरिट तैयार की गई। सरकार ने मनमर्जी से नियुक्तियां कर दीं। याचिका में मांग की गई कि चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति हाई लेवल सिलेक्शन कमेटी के जरिए नए सिरे से की जाए। कोर्ट ने इस याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था जिस पर सरकार ने गुरुवार को समय की मांग की।
No comments:
Post a Comment