आगामी दिनों में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की पढ़ाई और महंगी हो सकती है। केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने हर तीन साल में 10 प्रतिशत फीस बढ़ाने का सुझाव दिया है। विश्वविद्यालयों का कहना है कि इससे उनकी बढ़ती वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। नई दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की एक कान्फ्रेंस में इस सुझाव पर चर्चा हुई।
कान्फ्रेंस में भाग लेने आए 200 से अधिक कुलपतियों ने इस पर रजामंदी जताई। फिलहाल इन सिफारिशों को अभी भी एमएचआरडी (केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए) और राज्य सरकारों की मंजूरी (राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों के लिए) मिलनी बाकी है। हालांकि कुछ दिनों पहले आईआईटी में फीस वृद्धि की मांग को एचआरडी मंत्री कपिल सिब्बल ने ठुकरा दिया था।
सेमेस्टर समेत इनसेंटिव व्यवस्था लागू हो : कुलपतियों का यह भी कहना था कि सभी विश्वविद्यालयों में साल भर की पढ़ाई को दो सेमेस्टर में बांटने से पढ़ाई का स्तर बेहतर हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को अच्छे परिणाम देने पर इनसेंटिव दिया जाना चाहिए। इससे वे प्रोत्साहित हो सकेंगे।
सेमेस्टर समेत इनसेंटिव व्यवस्था लागू हो : कुलपतियों का यह भी कहना था कि सभी विश्वविद्यालयों में साल भर की पढ़ाई को दो सेमेस्टर में बांटने से पढ़ाई का स्तर बेहतर हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को अच्छे परिणाम देने पर इनसेंटिव दिया जाना चाहिए। इससे वे प्रोत्साहित हो सकेंगे।
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