Friday, May 22, 2015

अतिथि अध्यापकों को फिलहाल पक्का नहीं करेगी सरकार

हरियाणा की मनोहर सरकार अतिथि अध्यापकों की समस्या का समाधान निकालने पर सहमत हो गई है। मास्टर (टीजीटी) पदों पर कार्यरत इन अतिथि अध्यापकों से प्रदेश सरकार नौंवी व दसवीं के विद्यार्थियों को पढ़वा सकती है। यह भी इसलिए क्योंकि स्कूलों में नौंवी व दसवीं के विद्यार्थियों की संख्या तो अधिक हैं लेकिन इनके मुकाबले शिक्षकों की भारी कमी है। यह कार्रवाई कोर्ट के माध्यम से ही होगी। इस बारे में सरकार की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव पहले ही पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश होकर शपथ-पत्र दायर कर चुके हैं।
अतिथि शिक्षकों के आंदोलन को देखते हुए और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के सुझाव के बाद शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह की बैठक हुई। सीएम कार्यालय में हुई इस बैठक में राज्य मंत्री कृष्ण बेदी के छोड़कर बाकी सभी मंत्री मौजूद रहे। मंत्रिसमूह में इस बात को लेकर सर्वसम्मति बनी है कि किसी भी तरीके से गेस्ट शिक्षकों को राहत दी जाए। यह प्रस्ताव भी आया कि टीजीटी को पीजीटी के पदों पर पदोन्नति दे दी जाए, लेकिन सरकार इस पर राजी नहीं हुई। हालांकि मंत्रिसमूह की बैठक से बाहर आकर यही दावा किया गया कि टीजीटी को पीजीटी के पदों पर पदोन्नति के बाद जो टीजीटी (मास्टर) के जो पद खाली रह जाएंगे, उन पर अतिथि अध्यापकों को एडजेस्ट किया जाएगा।
 बैठक में सहमति बनी कि जब तक नियमित भर्ती नहीं होती, मौजूदा अतिथि अध्यापकों से काम लिया जाए और नियमित भर्ती में उन्हें प्राथमिकता मिले। दूसरी तरफ बृहस्पतिवार को देर रात 4060 गेस्ट टीचरों को जारी किए गए नोटिस का जवाब इन शिक्षकों ने शुक्रवार को दे दिया है। इन शिक्षकों ने विभाग के नोटिस को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देने का भी ऐलान कर दिया है।
सीएम की राय
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंत्रिसमूह की बैठक से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार अतिथि अध्यापकों के रोजगार के प्रति चिंतित है और भविष्य में सीधी भर्ती के लिए मांगे जाने वाले आवेदनों में उन्हें अधिकतम आयु सीमा सहित अन्य मानदंडों में छूट देने पर विचार किया जाएगा। न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में अतिथि अध्यापकों को भी सरकार का सहयोग करना चाहिए। सरकार उनके रोजगार के लिए कोई न कोई रास्ता निकाल लेगी।

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