- नीति के अंतर्गत ग्रुप बी, सी व ‘डी’ के कर्मचारी
- 28 मई 2014 को हो तीन वर्ष की अवधि पूरी
- गेस्ट टीचर्स इसके दायरे में नहीं
विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को साधने के लिए बड़ा पासा फेंका है। विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को पंजाब की 2011 की नियमितीकरण नीति के तहत नियमित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई है। अनुबंध आधार पर लगे तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित करने के लिए पंजाब सरकार की नीति 28 मई 2014 से हूबहू लागू की जाएगी। पंजाब सरकार की 28 मार्च 2011 को लागू नीति के अंतर्गत ग्रुप बी, सी व ‘डी’ के ऐसे कर्मचारी जो सरकार या राज्य सरकार की स्वीकृत एजेंसियों के माध्यम से अनुबंध आधार पर 28 मई 2014 को तीन वर्ष की अवधि पूरी करते है तथा स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध लगे थे, उन्हें ही इसका लाभ मिलेगा।
सरकार ने 17 जून 1997, 5 नवंबर, 1999 तथा 1 अक्टूबर 2003 की नीति में प्रशासनिक कारणों से नियमित होने से वंचित रह गए पात्र कर्मचारियों को भी उसी तिथि से नियमित करने को सहमति प्रदान की है। एडहॉक पर लगे ग्रुप-बी के उन कर्मचारियों को जो वर्ष 1996 की नीति के अंतर्गत पात्र थे लेकिन सरकार के 8 दिसंबर 1997 को नीति वापस लेने के कारण नियमित होने से वंचित रह गये थे, को भी नीति जारी होने की तिथि से नियमित किया जाएगा।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवा अवधि की पेंशन लाभ के लिए गणना में पूरी सेवा अवधि शामिल की जाएगी। किसे मिलेगा लाभ1पंजाब की वर्ष 2011 की नियमितीकरण नीति का लाभ हरियाणा सरकार के विभागों, बोर्ड, निगमों में कार्यरत उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो ठेके पर, दिहाड़ी या एडहॉक पर हैं। बशर्ते उनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से हुई है। आउटसोर्सिग पालिसी के तहत कार्यरत कर्मियों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचर्स भी इसके दायरे में नहीं आएंगे।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवा अवधि की पेंशन लाभ के लिए गणना में पूरी सेवा अवधि शामिल की जाएगी। किसे मिलेगा लाभ1पंजाब की वर्ष 2011 की नियमितीकरण नीति का लाभ हरियाणा सरकार के विभागों, बोर्ड, निगमों में कार्यरत उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो ठेके पर, दिहाड़ी या एडहॉक पर हैं। बशर्ते उनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से हुई है। आउटसोर्सिग पालिसी के तहत कार्यरत कर्मियों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचर्स भी इसके दायरे में नहीं आएंगे।
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