वर्ष 2000 में हरियाणा में नियुक्त किए गए 3206 जूनियर बेसिक टीचर्स
(जेबीटी) में से 2985 शिक्षकों की नियुक्ति रद करने के हाई कोर्ट के एकल
बैंच के फैसले के खिलाफ डिविजन बैंच में दायर अपील पर हरियाणा सरकार ने
अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें सरकार ने 2985 शिक्षकों की नौकरी को
लेकर अंतिम फैसला लेने के लिए डिविजन बैंच के पाले में गेंद डाल दी है।
अपने जवाब में प्रदेश सरकार ने इनसे संबंधित कोई भी नीति बनाने या निर्णय
लेने में खुद को अक्षम बताया है। हाई कोर्ट में शुक्रवार को दायर जवाब में
प्रदेश सरकार ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार इस मामले में कोई
कदम नहीं उठा पाई है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि बैंच जो भी निर्णय लेगी,
वह उसे मंजूर होगा।
इस मामले की सुनवाई के दौरान बैंच ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि वह प्रभावित जेबीटी समेत याचिकाकर्ता पक्ष के साथ कोई ऐसी नीति बनाए, जिससे इन सभी पक्ष के हित में निर्णय हो। इस मामले में बैंच ने प्रतिक्रिया कि थी की इन टीचरों को लगे हुए करीब 14 साल हो गए हैं, अगर इनको सीधे तौर पर पद से हटाया जाता है तो इनके परिवार प्रभावित होगे। बैंच ने हरियाणा सरकार को समस्या का समाधान निकालने या इनको राहत देने के लिए कोई नीति बनाने को कहा था। इसके बाद से पिछली कई तारीखों से सरकार जवाब देने के लिए समय की मांग करती आ रही थी। अब शुक्रवार को हरियाणा सरकार ने इस मामले में कोई भी निर्णय लेने में असमर्थता जता दी।
इस मामले की सुनवाई के दौरान बैंच ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि वह प्रभावित जेबीटी समेत याचिकाकर्ता पक्ष के साथ कोई ऐसी नीति बनाए, जिससे इन सभी पक्ष के हित में निर्णय हो। इस मामले में बैंच ने प्रतिक्रिया कि थी की इन टीचरों को लगे हुए करीब 14 साल हो गए हैं, अगर इनको सीधे तौर पर पद से हटाया जाता है तो इनके परिवार प्रभावित होगे। बैंच ने हरियाणा सरकार को समस्या का समाधान निकालने या इनको राहत देने के लिए कोई नीति बनाने को कहा था। इसके बाद से पिछली कई तारीखों से सरकार जवाब देने के लिए समय की मांग करती आ रही थी। अब शुक्रवार को हरियाणा सरकार ने इस मामले में कोई भी निर्णय लेने में असमर्थता जता दी।
उधर, एकल बैंच के
फैसले पर डिविजन बैंच पहले ही रोक लगा चुकी है। गौरतलब है कि इसी टीचर
भर्ती मामले में ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला जेल में
हैं।
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