प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा शिक्षकों
की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने
शुक्रवार को इन भर्तियों के नतीजे घोषित करने पर लगी रोक हटा दी। हरियाणा
स्कूल टीचर्स सिलेक्शन बोर्ड के गठन को खारिज करने की मांग को लेकर एक
याचिका लगाई गई थी। इसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। चीफ जस्टिस संजय किशन
कौल व जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने कहा कि जनहित याचिका में निजी हित
जुड़े हैं। खंडपीठ ने याचिका लगाने वाले विजय बंसल पर 25 हजार का जुर्माना
भी लगाया।
बेंच ने
अपने 42 पेज के फैसले में कहा कि विजय बंसल ने राजनीतिक लाभ के लिए
ज्युडीशियल फोरम का सहारा लिया। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। बंसल ने
सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी छोड़ी और वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर चुनाव
लड़ा। 2011 में उसने इनेलो का दामन थाम लिया। बंसल के बयान और तस्वीरें
जाहिर करती हैं कि वे याचिका के जरिए राजनीतिक स्वार्थ साधने का प्रयास कर
रहे थे। कोर्ट ने कहा कि चेयरमैन व सदस्यों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाना,
सरकार का पॉलिसी मैटर है। इसमें अदालत का दखल जरूरी नहीं।
सरकार को भी नसीहत
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड के चेयरमैन की भूमिका विवादों में रही है। इससे पहले फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) भर्ती के दौरान भी उनकी भूमिका पर सवाल उठे थे और हाईकोर्ट के एकल जज ने उनके कामकाज पर तल्ख टिप्पणी कर उनकी कार्यशैली की आलोचना की थी। ऐसे में उन्हें पद पर बनाए रखने को लेकर राज्य सरकार को गंभीरता से फैसला करना चाहिए। बेंच उम्मीद करती है कि राज्य सरकार खुद ही इस मामले में एक तय समय सीमा में जरूरी कार्रवाई करेगी।
सरकार को भी नसीहत
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड के चेयरमैन की भूमिका विवादों में रही है। इससे पहले फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) भर्ती के दौरान भी उनकी भूमिका पर सवाल उठे थे और हाईकोर्ट के एकल जज ने उनके कामकाज पर तल्ख टिप्पणी कर उनकी कार्यशैली की आलोचना की थी। ऐसे में उन्हें पद पर बनाए रखने को लेकर राज्य सरकार को गंभीरता से फैसला करना चाहिए। बेंच उम्मीद करती है कि राज्य सरकार खुद ही इस मामले में एक तय समय सीमा में जरूरी कार्रवाई करेगी।
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