कार्य की अधिकता और कर्मचारियों से जूझ
रहे हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने पूरे काम को ऑन लाइन करने
का निर्णय लिया है। यानी एनरोलमेंट से लेकर रिजल्ट घोषित होने तक का सारा
काम ऑन लाइन होगा। यह प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड पर पिछले कुछ वर्षों से कार्य अधिकता और कर्मचारियों की कमी की समस्या हावी हो रही थी। इस कारण बोर्ड परीक्षाओं का जहां परिणाम देरी से हो रहा था, वहीं अन्य कार्य जैसे पुनर्जांच, पुनर्मूल्यांकन, एचटेट की प्रक्रिया में भी खासी देरी हो रही थी।
करीब महीने भर पहले बोर्ड के नए चेयरमैन डा. केसी भारद्वाज व सचिव डा. अंशज सिंह ने कार्यभार संभाला। उन्होंने इसे बड़ी समस्या पाया। इसके बाद बोर्ड के सारे कार्य को ऑन लाइन करने का निर्णय लिया गया। बोर्ड ने सारे कार्य को ऑन लाइन करने के लिए ओपन टेंडर मांगे, जिनमें दो ही कंपनियां टीसीए व एक अन्य ही बोर्ड की शर्तों पर खरा उतर पाई। अब इन्हीं दो कंपनियों में से आगामी एक- दो दिन में एक को बोर्ड का सिस्टम ऑन लाइन करने का जिम्मा सौंपा जाएगा।
बोर्ड की योजना के अनुसार बोर्ड कक्षाओं मैट्रिक, सीनियर सेकंडरी का परिणाम, हरियाणा ओपन स्कूल, पुनर्जांच, पुनर्मूल्यांकन आदि सभी कार्य कंपनी के माध्यम से ऑन लाइन करवाए जाएंगे। सभी स्कूलों की भी आईडी बनाई जाएगी। इससे जहां कार्य समय पर होने की संभावना है वहीं बोर्ड कर्मचारियों से भी अतिरिक्त कार्य का बोझ कम होगा।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड पर पिछले कुछ वर्षों से कार्य अधिकता और कर्मचारियों की कमी की समस्या हावी हो रही थी। इस कारण बोर्ड परीक्षाओं का जहां परिणाम देरी से हो रहा था, वहीं अन्य कार्य जैसे पुनर्जांच, पुनर्मूल्यांकन, एचटेट की प्रक्रिया में भी खासी देरी हो रही थी।
करीब महीने भर पहले बोर्ड के नए चेयरमैन डा. केसी भारद्वाज व सचिव डा. अंशज सिंह ने कार्यभार संभाला। उन्होंने इसे बड़ी समस्या पाया। इसके बाद बोर्ड के सारे कार्य को ऑन लाइन करने का निर्णय लिया गया। बोर्ड ने सारे कार्य को ऑन लाइन करने के लिए ओपन टेंडर मांगे, जिनमें दो ही कंपनियां टीसीए व एक अन्य ही बोर्ड की शर्तों पर खरा उतर पाई। अब इन्हीं दो कंपनियों में से आगामी एक- दो दिन में एक को बोर्ड का सिस्टम ऑन लाइन करने का जिम्मा सौंपा जाएगा।
बोर्ड की योजना के अनुसार बोर्ड कक्षाओं मैट्रिक, सीनियर सेकंडरी का परिणाम, हरियाणा ओपन स्कूल, पुनर्जांच, पुनर्मूल्यांकन आदि सभी कार्य कंपनी के माध्यम से ऑन लाइन करवाए जाएंगे। सभी स्कूलों की भी आईडी बनाई जाएगी। इससे जहां कार्य समय पर होने की संभावना है वहीं बोर्ड कर्मचारियों से भी अतिरिक्त कार्य का बोझ कम होगा।
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