प्रदेश में कार्यरत करीब 16000 अतिथि अध्यापकों के लिए एक अच्छी खबर है।
प्रदेश सरकार इन शिक्षकों की सेवाएं फिलहाल खत्म नहीं कर रही है। बहादुरगढ़
में शुक्रवार को प्रदेश की शिक्षामंत्री गीता भुक्कल ने अतिथि अध्यापकों
की सेवाएं फिलहाल बरकरार रखने का एलान करने के साथ ही कहा कि इनकी सेवाएं
नियमित भर्ती होने तक जारी रखने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से
अनुरोध करेग। सुप्रीम कोर्ट के
निर्देशाानुसार प्रदेश में 16000 अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल 16 फरवरी तक
है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 मार्च 2012 को प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि
हाई कोर्ट में नियमित शिक्षक भर्ती करने का जो शेड्यूल दिया गया है, उसके
अनुसार 322 दिनों में इस भर्ती को पूरा कर अतिथि अध्यापकों की सेवाएं
समाप्त कर दी जाएं। यह 322 दिन की अवधि 16 फरवरी 2013 को खत्म हो रही है।
इससे शुक्रवार को पूरे प्रदेश में अफवाह फैली रही कि राज्य सरकार सभी अतिथि
अध्यापकों को पद से हटा रही है। राज्य सरकार ने 2005 में इन अध्यापकों को
नियुक्त किया था।
कुछ शिक्षक नियमित किए जाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में चले गए थे,
लेनिक सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ही अतिथि अध्यापकों को नियमित करने
से मना कर चुके हैं। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने तमाम अटकलों पर विराम
लगा दिया कि फिलहाल अतिथि अध्यापकों को सेवा से नहीं हटाया जा रहा है।
प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट से इन शिक्षकों की सेवाएं नियमित भर्ती होने तक
जारी रखने का अनुरोध करेगी। पात्र अध्यापक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य
सरकार के खिलाफ एक अवमानना याचिका भी दायर कर रखी है, जिस पर 5 मार्च को
सुनवाई होगी। शिक्षक भर्ती बोर्ड ने राज्य सरकार को शेड्यूल भेजकर अवगत
कराया है कि राज्य में जेबीटी और लेक्चरर की भर्ती 30 सितंबर 2013 तक पूरी
होगी।
No comments:
Post a Comment