प्रदेश में 151 एचसीएस अधिकारियों की नियुक्ति के लिए होने वाली परीक्षा
विवादों में आ गई है। हरियाणा लोक सेवा आयोग ने मुख्य परीक्षा में 835 नए
आवेदकों की संख्या बढ़ा दी है। इस बीच, कुछ आवेदकों ने प्रारंभिक परीक्षा
पर ही सवाल खड़े करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे राज्य
में नए एचसीएस अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया पर संशय के बादल मंडराने
लगे हैं।
प्रदेश में 151 नए एचसीएस अधिकारियों की नियुक्ति की जानी है। इनमें 30
एचसीएस अधिकारी और 121 एलाइड सर्विसेज के अधिकारी शामिल हैं। एचपीएससी ने
इन अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया के तहत प्रारंभिक परीक्षा ली।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि प्रारंभिक परीक्षा में करीब 100 सवाल गलत आए।
इसे लेकर आवेदक हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2012 में हरियाणा लोक
सेवा आयोग को एक्सपर्ट कमेटी बनाने का निर्देश दिया। आयोग ने करीब 60
एक्सपर्ट की मदद से दोबारा मार्किंग कराई और मुख्य परीक्षा के लिए 835
आवेदक और बढ़ा दिए। मुख्य परीक्षा के लिए करीब 2400 आवेदक पहले से हैं। अब
इनकी संख्या बढ़कर 3235 हो गई है।
पीडि़त पक्ष इस बात पर अड़ा हुआ है कि जब लोक सेवा आयोग ने गलत सवालों की
बात मान ही ली है तो इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू क्यों नहीं किया जाता।
ऐसे में प्रारंभिक परीक्षा भी दोबारा कराई जानी चाहिए। आयोग ने गलत सवालों
पर ग्रेस नंबर दिए थे।
लोक सेवा आयोग द्वारा आवेदकों की संख्या बढ़ाने से पहले ही अशोक कुमार
सहित 15 अभ्यथियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है। इस मामले में
11 फरवरी को सुनवाई होगी। पीडि़त पक्ष का कहना है कि वे दोबारा परीक्षा
चाहते हैं। 2011 में निकले इन पदों के लिए भर्ती पिछले वर्ष नवंबर तक ही
पूरी हो जानी थी लेकिन अटकी हुई है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई
के दौरान लोक सेवा आयोग की तरफ पक्ष रखा तो मार्च के बाद मुख्य परीक्षा
संभव है।
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