हरियाणा में डीएड के प्रति छात्रों का रुझान कम हो रहा है। चार काउंसलिंग के बाद भी प्रदेश में करीब 20 हजार डीएड की सीटें फुल नहीं हो रही हैं। अब राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) पांचवीं काउंसलिंग की तैयारी कर रहा है। पूरे प्रदेश के प्राइवेट कॉलेजों में 7096 सीटें खाली हैं, जबकि इस साल एससीईआरटी ने दूसरे प्रदेश के छात्रों के लिए भी दाखिले के रास्ते खोल दिए।
अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो इस साल डीएड के लिए करीब 30 हजार आवेदन आए थे, जबकि 2014 में 36 हजार, 2013 में 43 हजार और 2012 में यह आंकड़ा 50 हजार के पार था।
बीते सालों में डीएड की सीटें फुल जाती थी, लेकिन इस बार अभी तक डीएड की दाखिला प्रक्रिया जारी है। ऐसे में उन छात्रों को परीक्षा की तैयारी करने में दिक्कत होगी, जो अंतिम काउंसलिंग के तहत दाखिला लेंगे। आंकड़ों से साफ है कि दो साल की जगह तीन का डीएड करने के बाद छात्रों का रुझान कम हो रहा है। बता दें कि शिक्षा निदेशालय ने 2012 में दो साल पढ़ाई के साथ 90 दिन की इंटर्नशिप और 20 दिन की टीचिंग प्रैक्टिस शुरू की थी। एससीईआरटी के अधिकारी भी मानते हैं कि डीएड में हरियाणा निवासी की अनिवार्यता भी दूसरे प्रदेश के छात्रों को दाखिला देने से रोक देती हैं।अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो इस साल डीएड के लिए करीब 30 हजार आवेदन आए थे, जबकि 2014 में 36 हजार, 2013 में 43 हजार और 2012 में यह आंकड़ा 50 हजार के पार था।
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