देशभर में एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए प्रस्तावित सिंगल एंट्रेंस टेस्ट की रूपरेखा पर विचार के लिए गठित विशेषज्ञों की समिति ने सिफारिश की है कि प्रवेश परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होनी चाहिए।
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की ओर से गठित समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि अगले साल से एमबीबीएस कोर्सों में प्रवेश के लिए प्रस्तावित एनईईटी में ऑबजेक्टिव प्रश्न पूछे जाने चाहिए। समिति ने अपनी सिफारिश एमसीआई को सौंप दी है। अब एमसीआई बोर्ड जल्द ही इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से विचार-विमश करेगा। अगर निगेटिव मार्किंग खत्म करने की समिति के सुझाव स्वीकार कर लिए गए तो यह पहली बार होगा जब किसी अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए केंद्रीय स्तर पर होने वाले मेडिकल एंट्रेस टेस्ट में गलत जवाब के नंबर नहीं कटेंगे।
सूत्रों के अनुसार निगेटिव मार्किंग खत्म करने की सिफारिश प्रवेश परीक्षा में प्रतिभागियों द्वारा काफी कम नंबर हासिल करने को ध्यान में रख कर की गई है। कम अंक की वजह से कई मेडिकल कॉलेजों में सीटें खाली रह जाती हैं।
No comments:
Post a Comment