हाई
कोर्ट ने आरटेट-2012 की परीक्षा से पहले ही बाजार में पेपर बिकने व
अनियमितता के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, पंचायतीराज सचिव व आरटेट
समन्वयक को नोटिस जारी किए। अदालत ने इनसे पूछा कि क्यों न आरटेट-2012 को
रद्द कर दिया जाए। न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को
कुलदीप सिंह राजपूत व अन्य की याचिका पर दिया।
अदालत ने निर्देश दिया कि परीक्षा का परिणाम याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा। अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि आरटेट-2012 की विज्ञप्ति 10 जून को जारी हुई और परीक्षा 9 सितंबर को हुई, लेकिन परीक्षा के दिन ही मेड़ता सिटी में 200 रुपए में पेपर बिके। पुलिस ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
याचिका में कहा कि परीक्षा से पहले जोधपुर, झुंझुनूं और अन्य जगह पर पेपर लीक हुए थे। परीक्षा के अंक तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में जोड़े जाते हैं ऐसे में परिणाम उन अभ्यर्थियों के अधिक अंक आएंगे, जिन्होंने परीक्षा से पहले ही पेपर देख लिया था।
यह अनियमितता अन्य अभ्यर्थियों के परिणाम को प्रभावित करेगी। लिहाजा परीक्षा को रद्द कर दुबारा कराया जाए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई कर सरकार से जवाब मांगा।
अदालत ने निर्देश दिया कि परीक्षा का परिणाम याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा। अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि आरटेट-2012 की विज्ञप्ति 10 जून को जारी हुई और परीक्षा 9 सितंबर को हुई, लेकिन परीक्षा के दिन ही मेड़ता सिटी में 200 रुपए में पेपर बिके। पुलिस ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
याचिका में कहा कि परीक्षा से पहले जोधपुर, झुंझुनूं और अन्य जगह पर पेपर लीक हुए थे। परीक्षा के अंक तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में जोड़े जाते हैं ऐसे में परिणाम उन अभ्यर्थियों के अधिक अंक आएंगे, जिन्होंने परीक्षा से पहले ही पेपर देख लिया था।
यह अनियमितता अन्य अभ्यर्थियों के परिणाम को प्रभावित करेगी। लिहाजा परीक्षा को रद्द कर दुबारा कराया जाए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई कर सरकार से जवाब मांगा।
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