Friday, October 12, 2012

शिक्षकों की अंतर जिला स्थानांतरण नीति घोषित

शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को जेबीटी तथा सीएंडवी वर्ग के शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित अंतर जिला तबादला नीति घोषित कर दी है। मेवात में सेवारत शिक्षकों को सामान्य तबादलों से एक बार फिर वंचित रखा गया है और सिर्फ म्युच्युअल (आपसी सहमति के आधार पर) तबादलों की अनुमति दी गई है। नई तबादला नीति के अनुसार विकलांगों, विधवा व तलाकशुदा महिला शिक्षकों, गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों, अविवाहित, सैनिक पत्नियों तथा कपल केस को तबादलों में प्राथमिकता दी जाएगी। इस नीति का मुख्य रूप से फायदा महिला शिक्षकों को ही होगा। तबादलों के इच्छुक शिक्षकों को अपनी वर्तमान वरिष्ठता से हाथ धोना पड़ेगा। तबादले के इच्छुक शिक्षक 15 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा लंबे समय से जेबीटी शिक्षकों की अंतर जिला स्थानातंरण नीति की मांग की जा रही थी, जो आखिरकार अब मूर्त रूप ले पाई है।

Tuesday, October 9, 2012

पीटीआइ भर्ती रद करने का आदेश किया स्थगित

हाई कोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा पीटीआइ की नियुक्ति रद करने के आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके सिकरी की खंडपीठ ने 6 नवंबर तक स्थगित कर दिया है। इस मामले में याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से एकल बेंच के फैसले को गलत ठहराते हुए डिविजन बैंच से इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान पीटीआइ की तरफ से कहा गया कि एकल बेंच ने उनका पक्ष सुने बगैर ही इतना बड़ा फैसला सुना दिया। याचिकाकर्ता के वकील ने एकल बैंच द्वारा उसी टिप्पणी पर भी सवाल उठाया जिसमें कहा गया था कि यह भर्ती एक व्यक्ति के इशारे पर की गई है। नए सिरे से नियुक्ति का दिया था आदेश : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 11 सितंबर को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नियुक्त किए गए 1983 पीटीआइ की नियुक्ति को रद कर दिया था। आयोग ने 10 अप्रैल 2010 को अंतिम सूची जारी कर यह नियुक्तियां की थी। हाई कोर्ट ने कमीशन को निर्देश जारी किया था कि आयोग नियमों के तहत नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करे और पांच महीने के अंदर इस भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए।

हरियाणा प्रदेश में चार डाइट और चार बाइट को मिली मंजूरी

हरियाणा प्रदेश में अगले सत्र से छात्रों के लिए डीएड करना और आसान हो जाएगा। प्रदेश सरकार ने डीएड के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए प्रदेश में चार नई डाइट (जिला शैक्षिक एवं प्रशिक्षण संस्थान) और चार बाइट (खंड शैक्षिक एवं प्रशिक्षण संस्थान) को मंजूरी प्रदान की है।
फिलहाल बाइट की स्थापना अल्पसंख्यक क्षेत्रों में की जाएगी। जरूरत को देखते हुए इनकी संख्या में इजाफा भी किया जा सकता है। ये आठों संस्थान आगामी शैक्षिक सत्र से प्रभावी होंगे। नए संस्थाओं के खुलने से डीएड की सीटों में साढ़े 20 हजार का इजाफा होगा। नियम के मुताबिक एक डाइट या बाइट में कम से कम से 50 सीटों का प्रावधान है। इस प्रकार आठों संस्थानों को मिलाकर 400 सीटों का इजाफा होगा। 
सहूलियत के लिए बनाई बाइट की योजना
एससीईआरटी की निदेशक स्नेहलता ने बताया कि डीएड के इच्छुक आवेदकों की सहूलियत देने के लिए खंड स्तर पर डाइट की ब्रांच खोलने की योजना बनाई गई थी, जिसे बाइट का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे सैकड़ों छात्रों को सहूलियत होगी। वे अपने घर के नजदीक ही डीएड कर सकेंगे।
क्या थी स्थिति
प्रदेश में कुल 21 जिलों में 17 डाइट है, जिनमें कुल 27 सौ सीटें ही हैं। यानी कुल 20 हजार सीटों में से 27 सौ आवेदकों को ही सरकारी संस्थानों में दाखिला मिल पाता था। नई व्यवस्था के बाद 400 और आवेदक सरकारी फीस में डीएड करने की हसरत पूरी कर सकेंगे।

Monday, October 8, 2012

पहली बार देश के सभी शिक्षा बोर्डो के परीक्षार्थी एक साथ देंगे परीक्षा

केंद्रीय तकनीकी संस्थाओं में इंजीनियरिंग स्नातक कोर्स के लिए अप्रैल 2013 में आयोजित होने वाली जेईई संयुक्त प्रवेश परीक्षा की कवायद शुरू हो गई। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड समेत देश के सभी 47 राज्य शिक्षा बोर्डो से 20 परसेंटाइल विद्यार्थियों का ब्यौरा मांगा है। डाटा किस हिसाब से तैयार होगा, इसकी जानकारी जुटाने के लिए बोर्ड ने सहायक निदेशक (आईटी) को दिल्ली भेजा है। 
 
सीबीएसई अध्यक्ष विनीत जोशी ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग समेत सभी शिक्षा बोर्डो के अध्यक्षों से 2010 से 2012 तक के 12 वीं कक्षा में 20 परसेंटाइल विद्यार्थियों की सूची मांगी है। इसके आधार पर ही देश के सभी शिक्षा बोर्डो के विद्यार्थी पहली बार आयोजित होने जा रही इस संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठ सकेंगे। 
 
सीबीएसई से मिले निर्देश के आधार पर बोर्ड ने डाटा कलेक्शन का कार्य भी शुरू कर दिया है। लेकिन सीबीएसई को यह डाटा किस रूप में चाहिए, इसके बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश नहीं होने पर बोर्ड को भी कुछ समस्या आ रही है। 
 
इसे देखते हुए बोर्ड ने सहायक निदेशक (आईटी) आर के भट्ट दिल्ली रवाना हुए हैं। दूसरा पेपर बी आर्क/ बी प्लानिंग का होगा। यह भी तीन घंटे का होगा। ऑफ लाइन होने वाला यह पेपर 7 अप्रैल को होगा। इसमें पार्ट फस्र्ट में मैथेमेटिक्स,पार्ट सेकंड में एप्टीट्यूड टेस्ट और पार्ट थर्ड में ड्राइंग टेस्ट होगा। सभी प्रश्न पत्र ऑब्जेक्टिव टाइप के होंगे। 
 
यह भी समस्या
 
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक 2012 में सीनियर सेकंडरी विज्ञान वर्ग में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों का डाटा भी भट्ट साथ लेकर गए हैं। सीबीएसई ने12 वीं कक्षा का तीन साल का डाटा मांगा है। राजस्थान शिक्षा बोर्ड में 12 वीं कक्षा में विज्ञान, कला और वाणिज्य तीन अलग-अलग वर्ग संचालित होते हैं। 
 
क्या तीनों संकायों का ब्यौरा उपलब्ध कराना है या केवल विज्ञान वर्ग का ब्यौरा देना है। इसकी विस्तृत निर्देश नहीं होने से भी डाटा कलेक्शन में समस्या आ रही है। भट्ट को इस संबंध में ही दिल्ली भेजा गया है। 
 
जेईई(मेन)-जेईई(एडवांस) 
 
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक अब एआईईईई जेईई(मेन) के नाम से जाना जाएगा और आईआईटी-जेईई को जेईई(एडवांस) के नाम से जाना जाएगा। 

Friday, October 5, 2012

हाईकोर्ट ने दागा सवाल, 'क्यों न रद्द कर दी जाए RTET 2012'

हाई कोर्ट ने आरटेट-2012 की परीक्षा से पहले ही बाजार में पेपर बिकने व अनियमितता के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव, पंचायतीराज सचिव व आरटेट समन्वयक को नोटिस जारी किए। अदालत ने इनसे पूछा कि क्यों न आरटेट-2012 को रद्द कर दिया जाए। न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को कुलदीप सिंह राजपूत व अन्य की याचिका पर दिया।
अदालत ने निर्देश दिया कि परीक्षा का परिणाम याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा। अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि आरटेट-2012 की विज्ञप्ति 10 जून को जारी हुई और परीक्षा 9 सितंबर को हुई, लेकिन परीक्षा के दिन ही मेड़ता सिटी में 200 रुपए में पेपर बिके। पुलिस ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
याचिका में कहा कि परीक्षा से पहले जोधपुर, झुंझुनूं और अन्य जगह पर पेपर लीक हुए थे। परीक्षा के अंक तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में जोड़े जाते हैं ऐसे में परिणाम उन अभ्यर्थियों के अधिक अंक आएंगे, जिन्होंने परीक्षा से पहले ही पेपर देख लिया था।
यह अनियमितता अन्य अभ्यर्थियों के परिणाम को प्रभावित करेगी। लिहाजा परीक्षा को रद्द कर दुबारा कराया जाए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई कर सरकार से जवाब मांगा।