राज्य
के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की बदहाल स्थिति सुधारने और जमीनी हकीकत
जानने के लिए स्कूली बच्चों की औचक परीक्षा (सरप्राइज एक्जाम) होगी।
शिक्षाधिकारियों का दल पहले से तैयार पेपर लेकर किसी भी वक्त स्कूल में
परीक्षा लेने पहुंच जाएगा। इस परीक्षा के मार्फत न केवल बच्चों के स्तर का
पता लगाया जाएगा, बल्कि संबंधित शिक्षक का भी मूल्यांकन मौके पर ही हो
जाएगा।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत पहले चरण में राज्य की करीब 6 हजार स्कूलों को इस दायरे में लिया गया है। इस माह 12 से 14 सितंबर तक चलने वाले पहले चरण में करीब ढाई हजार शिक्षाधिकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर की जांच करेंगे। इस चरण में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों की आकस्मिक परीक्षा ली जाएगी।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत पहले चरण में राज्य की करीब 6 हजार स्कूलों को इस दायरे में लिया गया है। इस माह 12 से 14 सितंबर तक चलने वाले पहले चरण में करीब ढाई हजार शिक्षाधिकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर की जांच करेंगे। इस चरण में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों की आकस्मिक परीक्षा ली जाएगी।
इनका कहना है
'विभाग सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर से बेहतर बनाना चाहता है। इसके लिए एक के बाद एक नवाचार किए जा रहे हैं। वे खुद भी स्कूलों में अधिकारियों के साथ रहेंगे।'
-बृजकिशोर शर्मा, शिक्षामंत्री
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