महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों पर मेहरबान हो गया है।
वर्ष 2000 से आज तक किसी कारण से डिग्री लेने से वंचित रह गए विद्यार्थियों
को विश्वविद्यालय परीक्षा का विशेष अवसर देगा। उत्तीर्ण होने, री-अपीयर
करने व (इंप्रूवमेंट) अंक सुधार के लिए परीक्षा दी जा सकेगी। मदवि प्रशासन
को लंबे समय से पुराने विद्यार्थी मर्सी चांस (अनुकंपा अवसर) की मांग कर
रहे थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने वर्ष 2004 तक पंजीकृत
विद्यार्थियों को अनुकंपा अवसर देने का निर्णय लिया, लेकिन इसके बाद भी
कुछ विद्यार्थियों ने पंजीकरण अवधि बढ़ाने की मांग उठने लगी, जिनको इस अवधि
में शामिल नहीं किया गया था। पुराने विद्यार्थियों ने फिर से कुलपति दरबार
में गुहार लगाई। आखिरकार विवि ने वर्ष 2000 में पंजीकृत पुराने सभी
विद्यार्थियों को स्वर्णिम अवसर देने के फैसले पर मोहर लगा दी।
बनाया जाएगा शेड्यूल : मदवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएस सिंधु ने बताया कि जिन विद्यार्थियों का पंजीकरण वर्ष 2000 में हुआ था, उनको स्पेशल चांस देने का निर्णय लिया है। इससे पहले के विद्यार्थियों को यह अवसर देना संभव नहीं था क्योंकि उनके रिकार्ड की जांच कराना आसान नहीं है। शीघ्र ही परीक्षा की सारणी बनाकर आवेदन की तिथि निर्धारित की जाएगी।
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