आईआईटी के विरोध के बाद अटके सिंगल टैस्ट के प्रस्ताव पर अब जून के पहले कोई फैसला हो पाना मुमकिन नहीं लग रहा है। मानव संसाधन मंत्रालय ने इस संबंध में अपनी सभी तय बैठकों को टालकर इसका साफ संकेत दे दिया है। दरअसल पिछले दिनों आईआईटी फैकल्टी के विरोध के बाद ही तय हुआ था कि सिंगल टेस्ट पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही कुछ तय होगा। आईआईटी से जुड़ी फैकल्टी ने सिंगल टेस्ट के प्रारूप पर असहमति जताई थी। फैकल्टी ने बोर्ड के अंक पर दिए जाने वाले वेटेज और इसको नॉर्मलाइज करने के फॉर्मूले पर आपत्ति जताई थी।
आईआईटी फैकल्टी को मंत्रालय ने मई के दूसरे हफ्ते तक का समय दिया है। इस अवधि में फैकल्टी फैडरेशन अपना रुख सिंगल टैस्ट के मसले पर स्पष्ट करेगी। मंत्रालय ने आईआईटी-एनआईटी काउंसिल की 14 अप्रैल को प्रस्तावित बैठक भी इसी वजह से टाल दी थी। अब 23 अप्रैल को प्रस्तावित केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड, केब की बैठक भी 6 जून तक के लिए टाल दी गई है। गौरतलब है कि मंत्रालय ने केब में सिंगल टैस्ट के प्रस्ताव पर मुहर लगवाने की योजना बनाई थी।
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि जब तक सिंगल टेस्ट के मसले पर आमराय नहीं बन जाती इसे कैब के पास ले जाने का कोई फायदा नहीं है।
आईआईटी फैकल्टी को मंत्रालय ने मई के दूसरे हफ्ते तक का समय दिया है। इस अवधि में फैकल्टी फैडरेशन अपना रुख सिंगल टैस्ट के मसले पर स्पष्ट करेगी। मंत्रालय ने आईआईटी-एनआईटी काउंसिल की 14 अप्रैल को प्रस्तावित बैठक भी इसी वजह से टाल दी थी। अब 23 अप्रैल को प्रस्तावित केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड, केब की बैठक भी 6 जून तक के लिए टाल दी गई है। गौरतलब है कि मंत्रालय ने केब में सिंगल टैस्ट के प्रस्ताव पर मुहर लगवाने की योजना बनाई थी।
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि जब तक सिंगल टेस्ट के मसले पर आमराय नहीं बन जाती इसे कैब के पास ले जाने का कोई फायदा नहीं है।
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