Monday, April 2, 2012

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती मामले में निर्णय सुरक्षित


    राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई पूरी करते हुए निर्णय सुरक्षित रखा है। यह आदेश न्यायाधीश एएम सप्रे सीएम तोतला की खंडपीठ ने जालोर के प्रकाशचंद्र अन्य की ओर से सरकार द्वारा जिला परिषदों के माध्यम से भर्ती परीक्षा आयोजित करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ने कहा था कि पूर्व में वर्ष 2004 वर्ष 2006 में शिक्षक भर्ती परीक्षाओं का आयोजन आरपीएससी के माध्यम से राज्य स्तर पर किया गया। राज्य स्तर पर ही मेरिट लिस्ट तैयार होने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति जिलों में की जाती रही है। अब सरकार ने नीतिगत संशोधन कर प्रत्येक जिले में अलग-अलग परीक्षा करवाने का निर्णय लिया है।

यह संविधान की भावना के विरुद्ध होने के साथ शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला है। जिला स्तर पर भर्ती परीक्षा आयोजित होने से कहीं 60 प्रतिशत तो कहीं 80 90 प्रतिशत तक की मेरिट लिस्ट बनेगी।

इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भारी गड़बड़ हो जाएगी। इस पर पिछली सुनवाई में खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था।
सरकार की ओर से अदालत में जवाब देते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता जीआर पूनिया ने बताया कि सरकार ने पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 89 90 में आवश्यक संशोधन करते हुए जिला स्तर पर जिला परिषदों के माध्यम से शिक्षक भर्ती परीक्षा करवाने का निर्णय लिया है।
-Bhaskar 30 Mar.2012

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