कांग्रेस सरकार में बनाए गए शिक्षक पात्रता परीक्षा के नियमों में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है।
इसके तहत अब पात्रता परीक्षा का सर्टिफिकेट केवल पांच वर्ष के लिए नहीं, बल्कि जीवनभर आपकी योग्यता को बरकरार रखेगा। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय मंत्रलय को भेज दिया है। वहां से हरी झंडी मिली तो देशभर में पात्रता परीक्षा के सर्टिफिकेट दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के प्रमाणपत्रों की तरह जीवनभर के लिए उपयोगी हो जाएंगे।
इसके तहत अब पात्रता परीक्षा का सर्टिफिकेट केवल पांच वर्ष के लिए नहीं, बल्कि जीवनभर आपकी योग्यता को बरकरार रखेगा। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय मंत्रलय को भेज दिया है। वहां से हरी झंडी मिली तो देशभर में पात्रता परीक्षा के सर्टिफिकेट दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के प्रमाणपत्रों की तरह जीवनभर के लिए उपयोगी हो जाएंगे।
इससे देशभर के लाखों भावी शिक्षकों को फायदा पहुंचेगा।
गौरतलब है कि एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार पात्रता परीक्षा के सर्टिफिकेट पांच साल के लिए ही मान्य हैं। इस कारण 2008 व 2009 में पात्रता परीक्षा पास करने वाले हजारों भावी शिक्षकों के सर्टिफिकेट पहले ही रद्दी हो चुके हैं।
ऐसे में नियमों में बदलाव किए जाने से से भावी शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बदले हुए नियम का लाभ पूर्व में पात्रता परीक्षा पास कर चुके भावी शिक्षकों को मिलेगा या नहीं।
संभावना जताई जा रही है कि नया नियम नए पात्रता परीक्षा पास करने वालों पर ही लागू होगा।
2008 में शुरू हुई थी पात्रता परीक्षा1हरियाणा में पात्रता परीक्षा का संचालन 2008 में शुरू हुआ था। उस समय पात्रता परीक्षा को राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा नाम दिया गया था !!
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